Hindi News

indianarrative

Afghanistan Bomb Blast: काबुल में गर्ल्स स्कूल पर तालिबान का हमला, घर वापस जा रहीं दर्जनों लड़कियां मारी गईं

तालिबान ने किया अफगानिस्तान के फ्यूचर पर हमला!

अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं की वापसी के बीच  राजधानी काबुल में तालीबानी आतंकियों ने लड़कियों के स्कूल के पास एक के बाद एक कई बम धमाके किए। जिसमें अभी तक 53लोगों की मौत हो गई है, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए हैं। इनमें ज्यादातर युवतियां शामिल हैं। अफगानिस्तान के आतंरिक मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मृतकों में ज्यादातर महिलाएं हैं, जो सईद उल शोहादा स्कूल से बाहर निकल रही थीं।

स्थानीय न्यूज चैनल टोलो न्यूज ने एक फुटेज में हादसे के बाद के दृश्य दिखाए हैं, जो काफी हैरान कर देने वाले हैं। स्कूल के बाहर चारों ओर जमीन पर किताबें और स्कूली बैग पड़े हुए हैं, सड़कों पर खून के धब्बों के निशान हैं और लोग पीड़ितों की मदद के लिए भागते हुए नजर आ रहे हैं (Bomb Blast Outside School)। आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक अरियान ने इससे पहले मृतकों की संख्या 25बताई थी लेकिन उन्होंने ये नहीं बताया था कि हमले के पीछे क्या कारण हो सकता है और किसे निशाना बनाया गया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता गुलाम दस्तगीर नजारी ने कहा है कि अभी तक दर्जनों लोगों को अस्पताल ले जाया गया है। बीते महीने अमेरिका ने बताया था कि वह 11सितंबर तक अपने सभी सैनिकों की वापसी कराएगा, जिसके बाद से काबुल में हाई अलर्ट है (Girls School Attack in Afghanistan)। अफगान अधिकारियों का कहना है कि तालिबान देश में इस तरह के हमले करा रहा है। शनिवार को होने वाले इस हमले की अभी तक किसी भी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है। वहीं तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने अपने समूह के हमले में शामिल होने की बात से इनकार कर दिया है, साथ ही इसकी निंदा की है।

बम धमाके पश्चिची काबुल में हुए हैं, जहां हाल के वर्षों में इस्लामिक स्टेट भी हमले करता रहा है। ये स्कूल लड़कियों और लड़कों दोनों के लिए ज्वाइंट हाई स्कूल है (Attack on Girls School)। जहां तीन शिफ्ट में क्लास लगती हैं। शिक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता नजीबा अरियान ने बताया कि दूसरी शिफ्ट लड़कियों के लिए लगती है। अफगानिस्तान में यूरोपियन यूनियन के मिशन ने ट्वीट कर कहा है, ‘काबुल में दश्त-ए-बरची इलाके में हुआ भयावह हमला आतंकवाद का घृणित कार्य है। लड़कियों के स्कूल को मुख्य रूप से लक्षित किया जाना, अफगानिस्तान के भविष्य पर हमला है।’