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Pakistan पर भड़का ड्रैगन, Imran Khan को चीन ने सुनाई खरी-खोटी

Pakistan पर भड़का ड्रैगन

पाकिस्तान में बीते दिनों चीनी नागरिकों पर हमला हुआ था जिसमें चीन के आठ इंजीनियरों की मौत हो गई। दरअसल, पाक के बलूचिस्तान के ग्वादर शहर में एक बम ब्लास्ट हुआ जिसमें चीनी नागरिकों की मौत हो गई। इससे पहले भी पाकिस्तान में ही चीनी नागरिकों को निशाना बनाया गया था। एक के बाद एक हमले होता देख ड्रैगन, पाकिस्तान पर बुरी तरह भड़क गया है।

दरअसल, चीन पाकिस्तान में अपने कई प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। इन्ही में से एक है ग्वादर बंदरगाह जिसमें चीन अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है और चाइना-पाकिस्ता इकनॉमिक कॉरिडोर का इसे हम बना रहा है। चीन के इस कदम का स्थानीय बलोच विद्रोही विरोध कर रहे हैं और अक्सर हमले करते रहते हैं। शुक्रवार को हुई घटना के बाद चीन के इस्लामाबाद स्थित दूतावास ने पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई और कहा कि वह इस आतंकी हमले की पूरी जांच करे और हत्यारों को न्याय के कटघरे में खड़ा करे। इस हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ली है।

चीन ने इमरान खान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि, परियोजनाओं से जुड़े काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके साथ ही इमरान खान को चेताया है कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा नहीं होनी चाहिए। खबरों की माने तो ग्वादर एक्सप्रेसवे पर एक चीनी वाहन के पास यह विस्फोट हुआ। घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।

वहीं, ग्वादर में पानी बिजली की भारी कमी है जिसके चलते लोगों का जीना बेहाल हो रखा है। इसे लेकर स्तानीय लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी है, वहां के लोग इसके लिए चीनियों को दोषी ठहरा रहे हैं। इसी हफ्ते मछुआरों और अन्य स्थानी श्रमिकों सहित प्रदर्शनकारियों ने बलूचिस्तान के तटीय शहर ग्वादर में सड़कों को जाम कर दिया था। पानी और बीजली की मांग के लिए शहर को बंद कर दिया था।

स्थानीय लोगों की परेशानी को लेकर पाकिस्तान को कोई फिक्र नहीं है, इमरान सरकार को यहां के लोगों की परेशानियों से कोई मतलब नहीं है क्योंकि वो तो अपने आकाओं के लिए दिन रात सामने खड़े हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि, हम एक महीने से अधिक समय से चीनी ट्रॉलरों और पानी और बिजली की कमी के खिलाफ विरोध और रैली कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने कभी भी हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया। हमें पूर्ण बंद हड़ताल का पालन करना पड़ा और जिला प्रशासन द्वारा हम पर हमला किया गया।