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आसमान में ड्रोन भरेगा फाइटर जेट्स में तेल, अमेरिका के इस हैरत अंगेज कारनामे से चीन के उड़े होश!

पहली बार ड्रोन टैंकर से लड़ाकू विमान मे एयर रिफ्यूलिंग कर अमेरिका ने दुनिया में रचा इतिहास

अमेरिका की इतिहास में पहली बार देश की नौसेना (US Navy) और बोइंग कंपनी ने मिलकर मानवरहित ड्रोन के सहारे विमान में ईंधन भरा है। यह दुनिया के लिए पहला ऐसा मामला है। नौसेना व बोइंग कंपनी के संयुक्त प्रयास से मानवरहित ड्रोन एमक्यू-25 टी 1 (MQ-25T1) से हवा में F/A-18 सुपर हॉर्नेट लड़ाकू विमान में उड़ान के दौरान ईंधन भर कर इतिहास रच दिया है। अमेरिका के इस तकनीकी प्रदर्शन से पूरी दुनिया हैरान है।

इस टेस्ट को इलिनोइस के मस्कौटा में मिडअमेरिका हवाई अड्डे से कुछ ही दूरी पर हवा में अंजाम दिया गया। इस ड्रोन को अमेरिका के एयरक्राफ्ट कैरियर्स से ऑपरेट किए जाने की योजना है। इससे लड़ाकू विमानों को रिफ्यूलिंग के लिए बार-बार एयरक्राफ्ट कैरियर पर उतरने की जरूरत नहीं होगी। दरअसल, एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान के दौरान लड़ाकू विमान अपनी पूरी ईंधन क्षमता का उपयोग नहीं कर पाते हैं। ऐसे में लड़ाकू विमानों को ईंधन के लिए बार-बार एयरक्राफ्ट कैरियर पर लैंडिंग करनी पड़ती है।

 

एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भरना और लैंडिंग करना बहुत जोखिम भरा होता है, ऐसे में इस ड्रोन की मदद से अब हवा में ही लड़ाकू विमानों को ईंधन दिया जा सकेगा, जिससे कोई भी घटना होने से बचा जा सकेगा। इसके साथ इससे अमेरिकी नौसेना ने एफए 18 सुपर हॉर्नेट बेड़े को काफी मजबूती मिलेगी। अब बार-बार उड़ान भरने और लैंडिंग करने से बचने के कारण लड़ाकू विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावनाएं भी कम हो जाएंगी।

 

देखिए कैसे दिया गया इसे अंजाम

बोइंग के MQ-25 प्रोग्राम के डॉयरेक्टर डेव बुजॉल्ड ने बताया कि, टेस्टिंग के दौरान नेवी ने एक सुपर हार्नेट लड़ाकू विमान ने बोइंग के स्वामित्व वाले MQ-25T1 टेस्टिंग व्हीकल से संपर्क किया। इस ड्रोन से 20 फीट की दूरी तक पहुंचने के बाद लड़ाकू विमान के पायलट ने आसपास के माहौल का अंदाजा लिया, वह चेक करना चाहते थे कि इस ड्रोन के पास उड़ान भरना कितना स्थिर है।

पायलट ने जब निरीक्षण पूरा कर लिया तब ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन पर तैनात यूएवी ऑपरेटर ने फ्यूल इजेक्ट करने वाली नली (एरियल रिफ्यूलिंग स्टोर पॉड) को ऑन कर दिया। इसके बाद 20 फीट की दूसरी पर उड़ान भर रहा लड़ाकू विमान और करीब आ गया, इस दौरान सुपर हॉर्नेट ने एक बार ईंधन भरने वाली नली से ड्राई कनेक्ट भी किया। इस दौरान लड़ाकू विमान में कोई ईंधन नहीं भरा गया।

वहीं, अलग अलग ऊंचार पर भी एयर रिफ्यूलिंग की गई। दूसरे प्रयास में विमान ने फिर से यूएवी के ईंधन वाली नली एरियल रिफ्यूलिंग स्टोर पॉड से कनेक्ट किया। इस दौरान विमान जमीन से 10000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर रहा था। इस दौरान MQ-25 यूएवी ने 300 पाउंड ईंधन की सप्लाई की। ठीक ऐसा ही कारनामा 16000 फीट की ऊंचाई पर भी किया गया। इस दौरान ड्रोन ने लड़ाकू विमान को 100 पाउंड ईंधन सप्लाई किया।