'चीन के भरोसे बैठे इमरान खान ने अमेरिका की गैरत को ललकार दिया। अभी एक हफ्ता भी नहीं बीता कि बाइडन से पाकिस्तान को ईरान की तरह सीएसपीए लिस्ट में डाल दिया है। मतलब यह कि ईरान की तरह अब पाकिस्तान पर भी प्रतिबंधों की शुरूआत हो चुकी है। इन प्रतिबंधों से तो चीन भी पाकिस्तान या इमरान खान को नहीं बचा पाएगा।'
पार्लियामेंट में खड़े होकर पाक पीएम इमरान खान का अमेरिकी राष्ट्रपति की गैरत को ललकारना पाकिस्तान को भारी पड़ गया है। इमरान खान की ‘पाप्युलर पॉलिटिक्स’वाली स्पीच को अभी एक हफ्ता भी नहीं बीता है कि अमेरिका ने पाकिस्तान उन्हीं प्रतिबंधित देशों की कैटेगरी में डाल दिया है जिसमें ईरान जैसे देश शामिल हैं। इन प्रतिबंधों के लागू होते ही पाकिस्तान को अभी तक अमेरिका या अन्य देशों से सैन्य मदद मिल रहीं थीं वो बंद हो जाएंगी। पाकिस्तान का हाल अब और बेहाल होने वाला है।
दरअसल, एक रिपोर्ट आई थी कि पाकिस्तान की सरकार के समर्थन से चल रहे कुछ आतंकी (मिलिशिया) गिरोह बच्चों को भर्ती कर रहे हैं। यानी पाकिस्तान चाइल्ड आर्मी बना रहा है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अमेरिका ने बाल सैनिक सुरक्षा कानून की एक सूची में 14अन्य देशों के साथ पाकिस्तान को शामिल कर दिया है। यह कानून ऐसे विदेशी सरकारों की पहचान करता है जो सरकार समर्थित सशस्त्र समूहों की पहचान करता है, जो बाल सैनिकों की भर्ती करता है या उनका इस्तेमाल करता है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की वार्षिक टीआईपी सूची में शामिल किए गए देशों में पाकिस्तान, तुर्की, अफगानिस्तान, म्यांमा, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, ईरान, इराक, लीबिया, माली, नाइजीरिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया, वेनेजुएला और यमन शामिल हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसारइस सूची में जिन देशों को शामिल किया गया है उनपर अगले वित्त वर्ष में कुछ सुरक्षा सहायताओं और सैन्य उपकरण के व्यावसायिक लाइसेंसीकरण पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे। 'बाल सैनिक' का अर्थ है 18साल से कम उम्र का कोई भी व्यक्ति जो युद्ध में सीधे भाग लेता है या जिसे सरकारी सशस्त्र बलों, पुलिस या अन्य सुरक्षा बलों में जबरन भर्ती किया गया हो। इसका मतलब 15साल से कम उम्र के उस व्यक्ति से भी है जो स्वेच्छा से सरकारी सशस्त्र बलों, पुलिस या अन्य सुरक्षा बलों में भर्ती हुआ हो।