आज हिंदुस्तानियों की प्रतिभा का डंका दुनिया भर में बज रहा है। हिंदुस्तान को कभी सांप-सपेरों और बंदरों का देश कहने वाले लोग भी आज हिंदुस्तानियों की टेलेंट के कायल हो चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन तो ऐलानिया तौर पर हिंदुस्तान की प्रतिभा का गुणगान कर रहे हैं।
पाकिस्तान खिसियाआ, चीन की छाती पर लोटा सांप
अब तक भारतीय मूल के 55लोगों को अपने प्रशासन में जगह दे चुके अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि इंडियन अमेरिकन लोग पूरे अमेरिका में धूम मचाए हुए हैं। अपने करीब 50दिन के शासन काल में बाइडेन ने भारतीय मूल के कम से कम 55लोगों को प्रमुखता से जगह दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के इस बयान के बाद पाकिस्तानी मीडिया में खिसिसाहट देखी जा रही है। पाकिस्तानी मीडिया में कहा जा रहा है कि यही कारण है कि दुनिया के लोग हिंदुस्तान की बात सुनते हैं, मोदी की बात सुनते हैं वहीं पाकिस्तान और इमरान खान को दुत्कार कर भगा देते हैं। चीनी मीडिया का कहना है कि अमेरिका भारत को चीन के समकक्ष करना चाहता है। ये अभियान पिछले कई सालों से चल रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन का बयान उसी रणनीति का हिस्सा है।
स्पीच लिखने से स्पेस तक छाए इंडियन
बाइडेन के भाषण लिखने वाले से लेकर नासा तक भारतीय धूम मचाए हुए हैं। अब सरकार के लगभग हर हिस्से में भारतीय मूल के लोग मौजूद हैं। बाइडेन ने कहा, 'भारतीय मूल के लोग देश में छाए हुए हैं। बाइडेन ने आगे कहा किस्वाति मोहन, मेरी वाइस प्रेसिडेंट कमला हैरिस, मेरे भाषण लिखने वाले विनय रेड्डी सभी छाए हुए हैं।' बाइडेन ने यह बयान नासा के वैज्ञानिकों के साथ बातचीत के दौरान दिया।
मिशन मंगल के लेंडिंग प्रोसेस को लीड किया स्वाति मोहन ने
स्वाति मोहन भारतीय मूल की अमेरिकी वैज्ञानिक हैं और उन्होंने नासा के मंगल मिशन के लेंडिंग प्रोसेस को लीड किया और इसके सफलतापूर्वक लैण्ड करने की घोषणा की थी। बाइडन ने मंगल अभियान के तहत ग्रह की सतह पर रोवर को सफलता पूर्वक उतारने के कार्य को अंजाम देने वाली नासा की टीम को बृहस्पतिवार को बधाई दी और कहा कि इसने देश के ‘आत्मविश्वास को ऐसे वक्त में बढ़ाने काम किया’ है जब कोरोना वायरस महामारी के कारण विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी देश की छवि को नुकसान पहुंचा।
नासा ने पिछले महीने ही रचा इतिहास
नासा ने पिछले महीने छह पहियों वाले रोवर को सफलतापूर्वक मंगल की सतह पर उतारकर इतिहास रचा था। बाइडन ने अंतरिक्ष एजेंसी के जेट प्रणोदन प्रयोगशाला की टीम के नेतृत्व से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बातचीत की और ‘पर्सेवियरेंस रोवर’ के 18फरवरी को मंगल की सतह पर उतरने की घटना पर खुशी जाहिर की। ‘पर्सेवियरेंस’ नासा द्वारा भेजा गया सबसे बड़ा आधुनिक रोवर है और 1970के दशक के बाद से मंगल की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने वाला यह नौवां अंतरिक्ष यान है।
ग्रह पर जीवन की संभावना तलाशने के अभियान के लिए इस यान ने करीब सात महीने में 30 करोड़ मील की दूरी तय की। बाइडन ने नासा की टीम को कहा, ‘यह मंगल की सतह पर पर्सेवियरेंस के उतरने से भी कहीं अधिक बड़ा क्षण है। यह अमेरिकियों की इच्छा शक्ति के बारे में है और आपने इसे लौटाने का काम किया है।’