अमेरिका ने चीनी पनडुब्बियों के शिकार के लिए नए हथियार (Flying Torpedo) को विकसित कर रहा है। इस हथियार को अमेरिकी हथियार निर्माता कंपनी बोइंग डिफेंस बनाएगी। बोइंग ने बताया है कि वह जल्ग ही अमेरिकी नौसेना के मार्क 54 (एमके 54) टॉरपीडो के लिए लॉन्च किट विकसित करेगा। इससे एमके 54 टॉरपीडो को एंटी सबमरीन वॉरफेयर विमान से 30000 फीट की ऊंचाई से गिराया जा सकेगा। यह टॉरपीडो लंबी दूरी और अत्याधिक ऊंचाई से दुश्मन की पनडुब्बियों पर हमला करने में सक्षम होगा। इसे फ्लाइंग टॉरपीडो का नाम दिया गया है। यह अपनी तरह का पहला सिस्टम होगा, जो पनडुब्बी रोधी हथियार लॉन्च करने के लिए विमानों को पानी के करीब आने की आवश्यकता को खत्म कर देगा।
भारतीय नौसेना भी पी-8आई पोसीडॉन विमान का करती है इस्तेमाल
इस सिस्टम को आधिकारित तौर पर हाई एल्टीट्यूड एंटी-सबमरीन वारफेयर (HAAWC) एयर लॉन्च एक्सेसरी (ALA) कहा जाता है। इसे बनाने के लिए अमेरिकी नौसेना ने नेवल सी सिस्टम्स कमांड के तहत बोइंग डिफेंस स्पेस एंड सिक्योरिटी को 12 मिलियन डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट दिया है। एमके 54 टॉरपीडो को रेथियॉन कंपनी ने बनाया है। इसे आमतौर पर अमेरिकी नौसेना के पी-8ए पोसीडॉन समुद्री निगरानी और एंटी सबमरीन वॉरफेयर विमान से लॉन्च किया जाता है। भारतीय नौसेना भी पी-8आई पोसीडॉन विमान का इस्तेमाल करती है।
चीन की पनडुब्बियों का बनेगा काल
चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच यह फ्लाइंग टॉरपीडो (Flying Torpedo) अमेरिकी नौसेना को पनडुब्बियों के क्षेत्र में बढ़त प्रदान करेगा। पनडुब्बियां काफी हद तक मिसाइलों की पहुंच से दूर रहती हैं। ऐसे में आसमान से टॉरपीडो के जरिए इन्हें आसानी से निशाना बनाया जा सकता है। चीन इन दिनों अमेरिका को पनडुब्बियों की ताकत के मामले में चुनौती दे रहा है। प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में चीनी पनडुब्बियां तेजी से अपना प्रभुत्व जमा रही हैं। इससे अमेरिका के लिए चिंताएं काफी ज्यादा बढ़ गई हैं।
जाने खासियत
पानी में समाते ही एमके 54 टॉरपीडो अपने लक्ष्य की ओर दौड़ना शुरू कर देता है। टॉरपीडो स्वायत्त रूप से दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगा सकता है, उन्हें ट्रैक कर सकता है और उन पर हमला कर सकता है। 30000 फीट से लॉन्च किए जाने के बाद हाई एल्टीट्यूड एंटी-सबमरीन वारफेयर (HAAWC) से सुसज्जित मके 54 टॉरपीडो पानी में प्रवेश करने से पहले सात से दस मिनट तक उड़ता रहेगा।
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