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Afghanistan में पाकिस्तान का ‘गंदा खेल’ बेनकाब, तालिबान की मदद के लिए भेज रहा हथियार और फौजी कॉडर

तालिबानियों के साथ पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और आईएसआई के चीफ जनरल फैज हामिद

अफगानिस्तान में पाकिस्तान का खेल बेनकाब हो चुका है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने ताशकंत में दुनिया के तमाम बड़े लीडर्स के सामने पाकिस्तान के गंदे खेल का पर्दाफाश किया था। अशरफ गनी ने पाक पीएम इमरान के मुंह पर कहा सबूतों के साथ कहा था कि तालिबान को हथियार पैसा और ट्रेनिंग पाकिस्तान दे रहा है।

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इसी सिलसिले में एक बार फिर अफगानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने कहा है कि तालिबान आतंकियों का एक गिरोह बिना किसी देश की मदद से इतनी लंबी लड़ाई नहीं ठान सकता। पाकिस्तान लगातार तालिबानियों की मदद कर रहा है। मदद ही नहीं कर रहा बल्कि लश्कर और अलकायदा के आतंकियों और अपने फौज कॉडरों को तालिबान की ओर से लड़ने को भेज रहा है। जब-जब तालिबान के पैर उखड़ते हैं पाकिस्तान पीछे से फिर उन्हें मदद भेज देता है। अमरुल्लाह सालेह ने कहा का  तालिबानी आतंकी मारे जाएं या उनके हथियार खत्म होने लगें। पाकिस्तान तुरंत उन्हें मदद पहुंचा देता है। पाकिस्तान ने अगर तालिबानियों की मदद नहीं की होती तो अफगान फोर्सेस ने उन्हें कब का मार भगाया होता।

सालेह ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान के युद्ध भण्डारों में अभी इतनी बारूद है कि पाकिस्तान की मदद के बावजूद तालिबान को खत्म कर देंगे। अफगानिस्तान ने तालिबान को पाकिस्तान की मदद के सबूत यूएन को भी सौंपे हैं। इसके अलावा अमेरिका से भी जानकारी शेयर की है।

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अमेरिका के बॉम्बर्स एक बार फिर तालिबान पर हमला करने की योजना बना रहे हैं। अफगानी फोर्सेस ने हेरात प्रांत में रणनीतिक रूप से अहम कई जिलों से तालिबान को मार भगाया है। हेरात में तालिबान पर जीत से अफगानी फोर्सेस का उत्साह काफी बढ़ गया है। उधर ताजिकिस्तान ने भी तालिबान से जंग के लिए अपनी फोर्सेस को फॉरवर्ड मार्च के आदेश दे दिए हैं। इसी के बाद तालिबान ने अब शांति संधि का सशर्त प्रस्ताव भेजा है। जिसे अफगान सरकार ने नकार दिया है।