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अफगान शांति वार्ता शुरू होने से पहले सरकार और तालिबान में हिंसक संघर्ष तेज

अफगान शांति वार्ता शुरू होने से पहले सरकार और तालिबान में हिंसक संघर्ष तेज

कतर की राजदानी दोहा में जल्द ही होने वाली अंतर-अफगान शांति वार्ता के ठीक पहले अफगानिस्तान के बडघीस प्रांत में सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के ठिकानों पर हमला कर दिया। जिसके बाद दोनों पक्षों में जबरदस्त गोलीबारी हुई। जिसमें तालिबान के 32 आतंकवादी मारे गए और 20 घायल हो गए।

प्रांतीय परिषद के एक सदस्य मोहम्मद नसीर नज़री के मुताबिक मुठभेड़ मुकर जिले के संजादक क्षेत्र में हुई। नज़री के मुताबिक, दोनों पक्षों के बीच हुई लड़ाई में सुरक्षा बलों का एक सदस्य भी मारा गया और सात घायल हो गए।

अफगानिस्तान की सेना के मुताबिक तालिबान आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा बल अपना अभियान जारी रखेंगे और उसे बडघीस प्रोविंस से भगाकर ही दम लेंगे, ताकि वहां शांति व्यवस्था बहाल हो सके। इस हमले के बारे में तालिबान की ओर से कोई बयान नहीं आया है।

जबकि अंतर-अफगान शांति वार्ता के ठीक पहले तालिबान ने कहा है कि वह काबुल की सरकार को वैध सरकार के रूप में मान्यता नहीं देता है। शनिवार को तालिबान के बयान में  कहा गया, "इस्लामिक अमीरात काबुल प्रशासन को सरकार के रूप में मान्यता नहीं देता है, बल्कि इसे अमेरिकी कब्जे को बरकरार रखने के लिए काम करने वाले पश्चिमी आयातित ढांचे के रूप में देखता है।"

तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने पिछले सप्ताह एक ईरानी समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में कहा था कि समूह अफगान सरकार को वैध नहीं मानता है। जिसके बाद अब यह बयान आया है। साक्षात्कार में शाहीन ने तालिबान को 'युद्ध के विजेता' के रूप में बताया और कहा कि कि समूह अफगानिस्तान में केवल इस्लामी सरकार लाने के लिए अंतर-अफगान वार्ता में भाग लेगा।

तालिबान के शनिवार के बयान के जवाब में अफगान राष्ट्रपति के पैलेस ने कहा कि तालिबान द्वारा ऐसे बयान केवल समय बर्बाद करने और बेतुके बहाने बनाने के लिए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि तालिबान को वार्ता के मुख्य पक्ष के रूप में अफगान सरकार की वैधता को जरूर स्वीकार करना पड़ेगा।.