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White House में रोजाना गूंज रहा ‘मोदी-मोदी’ का नाम, भारत के रुख को लेकर टेंशन में Biden

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यूक्रेन और रूस के जंग के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की नजर रूस को लेकर भारत के अगले कदम पर है। जो बाइडेन प्रशासन ने कहा कि उनकी चिंता की एक वजह ये भी है क्योंकि भारत क्रूड ऑयल को लेकर रूस के ऑफर को किस तरह लेगा। दरअसल बाइडेन प्रशासन को लगता है कि अगर भारत ने रूस की पेशकश स्वीकार की तो इस स्थिति में उसकी मुश्किल और बढ़ सकती है। बाइडेन की प्रवक्ता जेन पास्की ने कहा है कि रूस से भारत का कच्चा तेल खरीदना अमेरिका द्वारा लगाये गये किसी प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं है।

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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान व्हाइट हाउस की प्रेस सेकेट्री ने बताया कि भारत, अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं कर रहा है लेकिन रूस की ऑयल डील कहीं नई दिल्ली को इतिहास में गलत दिशा में न खड़ा कर दे। प्रेस ब्रीफिंग में पास्की ने रूस से कम कीमत पर कच्चा तेल खरीदे जाने की रिपोर्ट के बारे में सवाल पूछे जाने पर कहा- 'किसी भी देश के लिये हमारा संदेश यही रहेगा कि वे हमारे द्वारा लगाये गये प्रतिबंधों का पालन करें। हालांकि, मेरा विश्वास है कि यह उसका उल्लंघन नहीं है।' आपको बता दें कि जो बाइडेन ने रूस से तेल, कोयले और गैस के आयात पर प्रतिबंध लगाया है।

 

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रिपोर्ट सामने आयी थी कि यूरोपीय आयोग भी रूस की तीन बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने वाला है लेकिन अधिकारियों ने यह कहा कि उनसे तेल की खरीद प्रतिबंधित नहीं की जायेगी। भारत में स्थिति रूस के दूतावास ने कहा है कि रूस के उप प्रधानमंत्री एलेक्जेंडर नोवाक ने रूस के ऊर्जा क्षेत्र में भारत के निवेश के बारे में हरदीप सिंह पुरी से गत सप्ताह चर्चा की है। भारतीय सरकार ने हालांकि नोवाक और पुरी के बीच हुई बातचीत पर चुप्पी साधी हुई है। यूक्रेन से युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का बड़ा ऐलान किया है और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर भी पाबंदी लगाई है। वहीं भारत की बात करें तो रूसी मिसाइल डिफेंस सिस्टम एस 400 की रूस से खरीद को लेकर अमेरिका सिर्फ काट्सा के तहत धमकी देने के अलावा कुछ खास दबाव नहीं बना पा रहा है।