चीन के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन कुछ ‘बड़ा’करने जा रहे हैं। बाइडेन की मंशा की भनक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी लग गई है। इसलिए चीन ने पड़ोसी देशों के साथ सम्बंधों को सामान्य बनाने की कोशिशें भी तेज कर दी हैं। शी जिनपिंग की कोशिश है कि अगर अमेरिका के साथ जंग के हालात बनते हैं तो क्षेत्रीय स्तर उसे उलझना पड़े। ऐसा भी कहा जा रहा है कि बाइडेन प्रशासन चीन के लिए ट्रंप से भी खतरनाक साबित होने जा रहा है। बाइडेन ने ट्रंप से भी आगे जाकर चीन के खिलाफ एक टास्क फोर्स का गठन भी कर दिया है।
इस बात की पुष्टि करते हुए पेंटागन ने कहा है कि एक स्पेशल टास्क फोर्स बनाई गई हैजो चीन की ओर से आ रही चुनौती से निपटने की रणनीति बनाएगी। बाइडेन ने पेंटागन के अपने पहले प्रवास के दौरान बताया था किइस टास्क फोर्स में विभिन्न मंत्रालयों के असैन्य एवं सैन्य विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन को आगामी कुछ महीने में अहम प्राथमिकताओं एवं निर्णय संबंधी सुझाव देंगे, ताकि हम चीन संबंधी मामलों को आगे ले जाने के लिए एक मजबूत रास्ता तैयार कर सकें।
उन्होंने कहा, ''इसके लिए पूरी सरकार के प्रयास, संसद में समर्थन और मजबूत गठबंधन एवं साझेदारी की आवश्यकता होगी। इस तरह हम चीन की चुनौती से निपटेंगे और अमेरिकियों की जीत सुनिश्चित करेंगे।''
पेंटागन ने एक बयान में बताया कि विदेश मंत्री के विशेष सहायक डॉ. एली रैटनर इस टास्क फोर्स की अगुवाई करेंगे, जो चार महीने में अपने सुझाव देगी। बाइडेन ने कहा, ''हमें चीन की बढ़ती चुनौतियों से निपटने की आवश्यकता है, ताकि शांति कायम रह सके और हिंद-प्रशांत एवं विश्वभर में हमारे हितों की रक्षा हो सके।बाइडेन के पेंटागन प्रवास के दौरान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी साथ में थीं।