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कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट से घबराई ब्रिटेन सरकार, एडवाइजरी जारी कर कहा- ‘अगर दिखें ये लक्षण तो अस्पताल जाओ तुरंत’ !

photo courtesy Google

कोरोना के खिलाफ जंग को जीतने के लिए दुनियाभर में लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। लेकिन वैक्सीन को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाहों का दौर जारी है, जिसके चलते कुछ लोग वैक्सन लगवाने से घबरा रहे है। भारत में कोरोना को लेकर स्थिति काफी खतरनाक है। विदेशों से वैक्सीन सप्लाई हो रही है। इस बीच ब्रिटेन में 'एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड' की वैक्सीन से ब्लड क्लॉट होने केस सामने आ रहे है। बताया जा रहा है कि वैक्सीन का साइड इफेक्ट लोगों पर हो रहा है। इन मामलों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गंभीरता से लिया।

ब्रिटेन सरकार ने वैक्सीन को लेकर हेल्थ केयर वर्कर्स और वैक्सीन लेने वालों के लिए लोगों के लिए 'वैक्सीन के साइड इफेक्ट' को लेकर एडवाइजरी जारी की। इस एडवाइजरी में लोगों से वैक्सीनेशन के 20 दिन के भीतर ब्लड क्लॉट्स के लक्षणों को पहचान करने की अपील की। अगर ये लक्षण दिखते है तो उसे वैक्सीन सेंटर पर जाकर दर्ज कराएं। एडवाइजरी में लोगों को सलाह दी गई है कि कोई भी वैक्सीन लेने के बाद अगर आपको तेज सिरदर्द, छाती में दर्द, शरीर में सूजन, उल्टी के बिना पेट में दर्द, दौरे या सांस लेने में तकलीफ जैसे गंभीर लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो इन्हें वैक्सीन सेंटर पर जरूर रिपोर्ट करवाएं।

इसके अलावा अगर शरीर के किसी हिस्से पर लाल रंग के धब्बे नजर आ रहे हैं तो भी सचेत रहिए। वैक्सीन लगने के बाद कमजोरी, शरीर के किसी हिस्से का काम करना बंद कर देना, बिना किसी कारण लगातार उल्टी होना, आंखों में दर्द या धुंधला दिखना, कन्फ्यूजन-डिप्रेशन या मूड स्विंग होना, इन सभी परेशानियों के बारे में वैक्सीनेशन सेंटर पर मौजूद हेल्थ केयर वर्कर्स को बताएं। सूत्रों की मानें तो ब्रिटेन में वैक्सीन से साइड इफेक्ट के मामले काफी सामने आ रहे है।

आपको बता दें कि कोविशील्ड चिम्पैंजी एडेनोवायरस वेक्टर पर आधारित वैक्सीन है। इसमें चिम्पैंजी को संक्रमित करने वाले वायरस को आनुवांशिक तौर पर संशोधित किया गया है ताकि ये इंसानों में ना फैल सके। इस संशोधित वायरस में एक हिस्सा कोरोना वायरस का है जिसे स्पाइक प्रोटीन कहा जाता है। ये वैक्सीन शरीर में इम्यून रिस्पॉन्स बनाती है जो स्पाइक प्रोटीन पर काम करता है। ये वैक्सीन एंटीबॉडी और मेमोरी सेल्स बनाती है जिससे के वायरस को पहचानने में मदद मिलती है। वैज्ञानिकों का दावा है कि ये वैक्सीन कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी जेनरेट करने का काम करती है।