दीवाली के त्यौहार के मौके पर जम्मू-कश्मीर में अकारण संघर्ष विराम के उल्लंघन पर कड़ा विरोध जताने के लिए भारत ने शनिवार को पाकिस्तान उच्चायोग के उपराजदूत को तलब किया।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के उच्चायोग के उपराजदूत को तलब किया और कई क्षेत्रों में पाकिस्तानी सेना द्वारा अकारण संघर्ष विराम का उल्लंघन करने को लेकर कड़ा विरोध दर्ज जताया। 13 नवंबर 2020 को जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के विभिन्न सेक्टर में किए गए संघर्ष विराम में 4 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई और 19 लोग गंभीर रूप से घायल हुए।"
विदेश मंत्रालय ने कहा, "पाकिस्तानी बलों द्वारा निर्दोष नागरिकों को जानबूझ कर निशाना बनाने की भारत सख्ती से निंदा करता है।"
भारत ने अपने बयान में कहा है कि यह बहुत ही निराशाजनक है कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने और जम्मू-कश्मीर में भारी गोलीबारी करने के लिए त्यौहार का मौका चुना।
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<p dir="ltr" lang="en">Own retaliation to Pakistan initiated unprovoked ceasefire violations has inflicted heavy casualties on the enemy's infrastructure and Morale! <a href="https://t.co/0H5VJNFOD0">pic.twitter.com/0H5VJNFOD0</a></p>
— PRO Udhampur, Ministry of Defence (@proudhampur) <a href="https://twitter.com/proudhampur/status/1327228776632107008?ref_src=twsrc%5Etfw">November 13, 2020</a></blockquote>
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इसके अलावा भारत ने सीमा पार से हो रही आतंकवादी घुसपैठ को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान का कड़ा विरोध किया। जिसमें पाकिस्तान की सेना द्वारा दी गई कवर फायरिंग भी शामिल है। साथ ही पाकिस्तान को एक बार फिर से अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र का भारत के खिलाफ आतंकवाद में इस्तेमाल न करने की द्विपक्षीय प्रतिबद्धता की याद भी दिलाई।.