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सियाचिन को लेकर भारत पर दबाव बना रहा पाकिस्तान? चीन के साथ मिलकर तैयार किया ये ‘घातक’ प्लान

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सियाचिन को लेकर पाकिस्तान के इरादे ठीक नहीं हैं। पाकिस्तान और चीन अब कश्मीर में यारकंद को शक्सगाम घाटी के जरिए मुजफ्फराबाद से जोड़ने की तैयारी में है। ऐसे में भारत के सुरक्षा योजनाकारों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 5193 वर्ग किलोमीटर के शक्सगाम घाटी को पाकिस्तान ने 1963 में अवैध रूप से चीन को सौंप दिया था। मैप में रिमो ग्लेशियर, टेराम शहर ग्लेशियर और सियाचिन ग्लेशियर भारतीय केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के भीतर दिखाया गया हैं। इन ग्लेशियरों के पास के क्षेत्र जैसे कि शक्सगाम घाटी और यारकंद जैसे घाटी चीनी सेना के प्रभुत्व वाले क्षेत्र हैं ।

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ऐसे में भारतीय सेना को दो मोर्चे से खतरा है। हालांकि सेना प्रमुख को इन सभी बातों की जानकारी है। मुजफ्फराबाद-शक्सगाम-यारकंद घाटी सड़क सिर्फ चीन और पाकिस्तान को नजदीक नहीं करेगी। यह भारत के लिए खतरा और बढ़ा देगी। चीन का दोस्त पाकिस्तान मुजफ्फराबाद-यारकंद वैली रोड प्रस्तावित कर रहा है ताकि वह चीन के साथ व्यापार के नाम पर सियाचिन पर भारतीय स्थिति पर दबाव बना सके। ऐसे में एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत को सियाचिन से हटने वाले सोच को ठंडे बस्ते में डाल देना चाहिए। जब तक कि चीन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को मानने के लिए सहमत नहीं हो जाता और अप्रैल 2020 की स्थिति को बहाल करने को तैयार नहीं होता तब तक भारत को सियाचिन से सैनिकों को हटाने को लेकर सोचना भी नहीं चाहिए।

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आपको बता दें कि भारतीय सेना साल्टोरो रिज को नियंत्रित करती है जो 1984 के ऑपरेशन मेघदूत के बाद से सियाचिन ग्लेशियर में एंट्री देती है। सियाचिन ग्लेशियर पूर्वी काराकोरम रेंज में स्थित है जो एनजे 9842 के उत्तर पूर्व में है, जहां भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा समाप्त होती है। तेराम शहर और रिमो ग्लेशियर सियाचिन ग्लेशियर के पूर्व और शक्सगाम और यारकंद घाटी के दक्षिण में स्थित हैं जहां चीनी सेना ने परमाणु मिसाइल तैनात किए हैं। चीन दौलत बेग ओल्डी के पठार से सिर्फ 18 किलोमीटर दूर काराकोरम दर्रे के जरिए पाकिस्तान तक हर मौसम में पहुंच वाली सड़क बना रहा है। दूसरी ओर चीन भारत द्वारा ख़ारिज किए जा चुके 1959 के लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को लागू करने की कोशिश में जुटा हुआ है।