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चीन का आर्थिक गुलाम बना शाहबाज का मुल्क! ड्रैगन ने लादा 30 अरब डॉलर का कर्ज ‘पट्टा’

चीन के कर्जजाल में फंसा है पाकिस्‍तान

पाकिस्तान (Pakistan) अपने सदाबहार दोस्त चीन (China) के कंधे पर इतना ज्यादा टिक गया है कि अब उसे ड्रैगन अपनी ऊंगली पर नचा रहा है। चीन के चक्कर में जो भी फंसा है वो बर्बाद ही हुआ है। यही नहीं पाकिस्तान ने चीन से इतना उधार ले लिया है कि वो शायद ही अगले 10-15 सालों तक इसे चुका पाए। अब चीन इसका फायदा उठाता नजर आ रहा है। आलम यह है कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की इकॉनमी ध्वस्त होने के कगार पर आ चुकी है। लेकिन श्रीलंका (Sri Lanka) की तरह डिफॉल्‍ट होने की कगार पर पहुंचे पाकिस्‍तान को इस महासंकट में फंसाने में चीन की बड़ी भूमिका है। चीन और पाकिस्‍तान दोनों ही दावा करते हैं कि दोनों आयरन ब्रदर हैं लेकिन अमेरिका ने इस कथित दोस्‍ती की पोल खोलकर रख दी है।

अमेरिका ने कहा है कि चीन के कर्ज को लेकर न केवल पाकिस्‍तान बल्कि दुनिया के अन्‍य देशों को बहुत सतर्क रहना होगा। पाकिस्‍तान पर लदे कुल विदेशी कर्ज का 30 फीसदी चीन ने दे रखा है। पाकिस्‍तान पर इस समय 100 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है और उसके विदेशी मुद्रा भंडार में मात्र 3 अरब डॉलर ही है। इस तरह पाकिस्‍तान पर चीन का 30 अरब डॉलर का कर्ज है।

पाकिस्‍तान इस समय महाकंगाली की हालत में पहुंच गया है और उसके डिफॉल्‍ट होने का खतरा मंडराने लगा है। पाकिस्‍तान अगर विदेशी कर्जों की किश्‍त को नहीं लौटा पाता है तो उसे डिफॉल्‍ट घोषित कर दिया जाएगा। अमेरिका ने अब पाकिस्‍तान पर बढ़ते चीन के कर्ज पर गंभीर चिंता जताई है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के काउंसलर डेरेक चोलेट ने गुरुवार को पाकिस्‍तान की राजधानी इस्‍लामाबाद में चीन के बढ़ते कर्ज पर गंभीर सवाल उठाए। पाकिस्‍तान ऐतिहासिक रूप से अमेरिका के करीब रहा है लेकिन भारत से दुश्‍मनी साधने के लिए चीन की गोद में अब चला गया है।

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चीन के साथ दोस्‍ती बढ़ाने के ‘खतरे’

चीन फिलहाल पाकिस्‍तान को कर्ज देने वाला अभी सबसे बड़ा कर्जदाता देश है जो 30 अरब डॉलर की भारी भरकम राशि है। पाकिस्‍तान अभी विदेशी मुद्रा भंडार की कमी से कर्ज नहीं चुका पा रहा है। चोलेट ने कहा, ‘चीन के बढ़ते कर्ज या चीन के स्‍वामित्‍व वाले कर्ज पर हमें अपनी चिंताओं को लेकर बहुत स्‍पष्‍ट होना होगा, न केवल यहां पाकिस्‍तान में बल्कि दुनिया के अन्‍य देशों में भी।’ उन्‍होंने पाकिस्‍तान के अधिकारियों से मुलाकात भी की है। आईएमएफ की रिपोर्ट के मुताबिक चीन और चीन के व्‍यवसायिक बैंकों ने पाकिस्‍तान के कुल विदेशी कर्ज का 30 फीसदी दे रखा है।

चोलेट ने कहा कि अमेरिका पाकिस्‍तान के साथ चीन के साथ दोस्‍ती बढ़ाने के ‘खतरे’ के बारे में बात कर रहा है लेकिन वह यह नहीं कहेगा कि इस्‍लामाबाद वॉशिंगटन और बीजिंग में से किसी एक को चुने। अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सेना की वापसी के दोनों देशों के बीच रिश्‍ते में खटास आ गई थी लेकिन अब इमरान सरकार के जाने के बाद एक बार फिर से संबंधों में गर्मजोशी आई है। अमेरिका ने कहा है कि चीन अब सबसे बड़ा कर्जदाता देश है और लोन संकट में राहत देने में बड़ी बाधा बन गया है।