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भारत की मिर्ची का दिवाना हुआ ड्रैगन! चावल के बाद अब India से मिर्च की भी मांग कर रहा चीन

photo courtesy google

तनाव के बीच चीन में भारतीय खाद्य पदार्थों की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। चावल के बाद अब मिर्च के लिए भी चीन भारत की ओर मुंह करके खड़ा है। पिछले कुछ सालों में चीन में भारत के चावल और मिर्च की मांगों में तेजी से इजाफा देखने को मिल रहा है। ऐसा नहीं है कि चीन में मिर्च की पैदावार कम होती हो, मिर्च की पैदावार में चीन भारत से कही ज्यादा आगे है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की 45 फीसदी से ज्‍यादा मिर्च का उत्‍पादन केवल चीन करता है लेकिन भारतीय मिर्च पर चीनी लोगों को इस कदर दिल आया कि डिमांड बढ़ने लगी।

दरअसल चीन के लोगों को भारत की मिर्च बेहतर और ज्‍यादा तीखी लगती है। कुछ सालों से चीनी लोगों को भारतीय मिर्च बहुत पसंद आ रही है। चीन के गुइझोउ, हुनान, जियांग्शी हेबै, हेनान, सिचुआन और शानक्सी में सबसे ज्‍यादा मिर्च की पैदावार होती है। साल 2018 में चीन में बाढ़ ने तबाही मचाई थी। इस बाढ़ में 780 हेक्टेयर में लगाई गई मिर्च की फसल, करीब साढ़े पांच हजार गरीब परिवारों को 1.6 करोड़ से ज्‍यादा मिर्च के पौधे सब बर्बाद हो गए।

भारी बारिश और बाढ़ के कारण बड़े पैमाने पर फसल को नुकसान पहुंचा। पिछले साल कई मिर्च उत्‍पादक कोविड महामारी की चपेट में आने से भी नुकसान हुआ। चीन के अलावा कई अन्‍य देशों में भी भारतीय मिर्च की मांग बढ़ रही है। भारत की मिर्च और मिर्च पाउडर की मांग चीन के अलावा दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व समेत दुनिया के कई देशों में भी बढ़ी है। भारत की कई तरह की लाल मिर्च का कुल निर्यात 2020-21 में 6,01,500 टन था। जिसकी कीमत लगभग 8,430 करोड़ रुपये थी।