India China Relations: विश्व में भारत की इन दिनों एक अलग ही छवि उभर कर आई है। शायद ही कोई ऐसा देश हो जो इंडिया के साथ न जुड़ना चाहता हो। अमेरिका से लेकर फ्रांस, कनाडा, जर्मनी तक पीएम मोदी के साथ रिश्ते मजबूत करने पर लगे हुए हैं। इसके पीछे वजह है भारत का तेजी से हर एक क्षेत्र में विकास करना। आज वो समय है जब भारत के सामानों का विदेशों में बोलबाला है। आज भारतीय जेट्स, मिसाइल, ड्रोन, टैंक और अन्य हथियारों की मांग तेजी से बढ़ते जा रही है। दुनिया में जब भी कोई बड़ा फैसला लिया जाता है तो भारत को जरूर आगे रखा जाता है। यह बात अलग है कि इंडिया के साथ चीन (India China Relations) विवादों में जानबूझ कर उलझा रहना चाहता है। लेकिन, उसे भी अच्छे से पता है कि आने वाले दिनों में भारत बहुत जल्द ही विश्व गुरु बनने वाला है। अब तो चीन के ही कई बड़े चेहरे भारत के मुरीद हैं। शी जिनपिंग (Xi Jinping) के एक बड़े अधिकारी ने कहा है कि, मैं भारत का बहुत बड़ा फैन हूं। उनका कहना है कि, भारत और चीन (India China Relations) साथ मिलकर आर्थिक और भू-राजनीतिक मुद्दों को हल कर सकते हैं।
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चीन-भारत के संबंध एशिया और दुनिया के लिए मायने रखते हैं
दरअसल, ये कोई और नहीं बल्कि बांग्लादेश में चीन के राजदूत ली जिमिंग हैं जो व्यक्तिगत रूप से भारत के बहुत बड़े फैन हैं। उन्हें लगता है कि भारत और चीन साथ मिलकर आर्थिक और भू-राजनीतिक मुद्दों को हल कर सकते हैं। ढाका में चीनी राजदूत ने कहा कि चीन की भारत के साथ कोई रणनीतिक प्रतिद्वंद्विता नहीं है। उनका ये बयान आया है जब भारत में चीन के राजदूत सुन विडोंग से विदाई मुलाकात के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के बीच सामान्य संबंध दोनों देशों, एशिया और दुनिया के हित में है। जयशंकर ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन और शांति जरूरी है। सुन विडोंग चीन के राजदूत के रूप में भारत में तीन साल से अधिक समय तक कार्यरत थे। मंगलवार को अपने विदाई समारोह में उन्होंने कहा कि भारत और चीन पड़ोसी हैं और पड़ोसी होने के नाते दोनों के बीच कुछ मतभेद होना स्वाभाविक हैं। हालांकि विकास के लिए साझा आधार तलाशने पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
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यूरोप या अमेरिका के बहकावे मं नहीं आना चाहिए
बांग्लादेश में चीन के राजदूत ली जिमिंग ने कहा कि चीन भारत को अपने रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में नहीं देखता है। उन्होंने कहा कि, हमने कभी भारत को अपने रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में नहीं देखा। व्यक्तिगत रूप से, मैं भारत का बहुत बड़ा फैन हूं। हम आर्थिक और भू-राजनीतिक मामलों को सुलझाने के लिए और करीबी रूप से साथ मिलकर काम कर सकते हैं। जिमिंग ने कहा कि, चीन बंगाल की खाड़ी में भारी हथियारों का जमावड़ा नहीं देखना चाहता। चीन का इरादा सभी क्षेत्रीय विवादों को एशियाई तरीके से हल करना है। चीन का मानना है कि हमें अपनी क्षेत्रीय समस्याओं को एशियाई तरीके से हल करना चाहिए, न कि यूरोप या दक्षिण अमेरिका के मानकों का पालन करके। उन्होंने कहा कि चीन क्षेत्र में विकास, शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश के साथ मिलकर काम करने को इच्छुक है।