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पूर्वी लद्दाख से चीनी तम्बू उखड़े, टैंक- तोपखाना और फौज बैरकों में लौटी

China dismantles all infra along with LAC in Eastern Ladakh Army going Back to Barracks

चीन पर भरोसा करना हालांकि मुश्किल है मगर सच्चाई यह है कि चीनी फौज ने फिंगर 4 से लेकर फिंगर 8 तक जहां जहां पक्के स्ट्रक्टर, बंकर, सड़क और सर्विलांस उकरण लगा रहे थे उन सब को उखाड़ा जा रहा है। चीनी फौज वापस जा रही है। लेकिन इसी बीच यह खबर भी आ रही है कि चीन ने एलएसी पर फौजों को हटाने के साथ ही गश्त लगाने के लिए सुपर सोल्जर्स की तैनाती कर दी है। यह सुपर सोल्जर्स गश्त कर रहे हैं और भारी सामान को पीठ पर लाद कर अपने साथियों को पहुंचा रहे हैं। बहरहाल,  लद्दाख में चाइनीज़ PLA यानि चीन की सेना पैंगोंग झील में फिंगर एरिया से पीछे हटना शुरू हो गई है।  चीन की सेना ने फिंगर 5 से अपने बंकर्स और टेंट्स हटा लिए हैं। जानकारी मिली है कि फिंगर 5 से चाइनीज़ सेना ने अपने हेलीपैड भी हटा लिए हैं।

ऐसी भी जानकारी मिली है कि चीन  ने फिंगर 6, 7 और 8 पर हो रहे सड़क निर्माण को भी हटा लिया है। चीन ने अपने हथियार, रडार और आर्टिलेरी जैसे वैपन सिस्टम को भी हटा लिया है। यही नहीं, चीन ने फिंगर 5 और 6 पर अपने झंडे, साइन पोस्ट और अनाउंसमेंट सिस्टम भी हटा लिया है। भारतीय सेना चीन के डिसमैंटलिंग की प्रक्रिया की सैटेलाइट इमेज, UAV और नेटवर्क फ्रीक्वेंसी से मॉनिटर कर रही है।

बीते 12 फरवरी को रक्षा मंत्रालय ने बयान में कहा था, ‘‘यह कहना कि भारतीय भूभाग ‘फिंगर 4’ तक है, सरासर गलत है। जैसा कि भारत के नक्शे में भारतीय भूभाग प्रदर्शित किया गया है, उसमें यह भी शामिल है कि 43,000 वर्ग किमी से अधिक क्षेत्र 1962 से चीन के अवैध कब्जे में है। ’’

रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘यहां तक कि भारतीय धारणा के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) ‘फिंगर 8’ पर है, ना कि ‘फिंगर 4’ पर है। यही कारण है कि भारत ‘फिंगर 8’ तक गश्त का अधिकार होने की बात लगातार कहता रहा है, जो चीन के साथ मौजूदा सहमित में भी शामिल है। भारत ने समझौते के परिणामस्वरूप किसी भी इलाके पर दावे को नहीं छोड़ा है। इसके उलट, उसने एलएससी का सम्मान सुनिश्चित किया और एकतरफा तरीके से यथास्थिति में कोई बदलाव करने से रोका है।’’ मंत्रालय ने यह भी कहा पैंगोंग सो के उत्तरी तट पर दोनों तरफ की चौकियां पहले से हैं और अच्छी तरह से काम कर रही हैं।