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चीन का तबाही भरा कदम, जानबूझ कर ऐसा कर रहा ताकि पूरी दुनिया हो परेशान

China Ends Quarantine Rules

China Ends Quarantine Rules: चीन दुनिया को एकलौता ऐसे देश है जिसने हर किसी के नाक में दम कर रखा है। हर एक मामले में चीन अपनी दादागीरी दिखाता है। इसके साथ ही उसकी चालबाजी, धोखेबाजी और पैंतरेबाजी से तो दुनिया वाकिफ है। इस वक्त चीन का हाल बेहाल है। कोरोना ने भयकंर तबाही (Covid-19 Cases in China) मचाये हुई है। हाल यह है कि, अस्पताल मरीजों से भर गये हैं। बेड फुल होने के बाद जमीनों पर लेटा कर इलाज हो रहा है। नये मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। लोगों की सड़कों पर ही तड़प तड़प कर मौत हो जा रही है। मृतकों की संख्या इतनी ज्यादे बढ़ गई है कि, शवगृहों में जगह ही नहीं बचे हैं। लंबी-लंबी कतारें लगी हैं। लोग गली और आस-पास के खाली जगहों पर दाह संस्कार करने के लिए मजबूर हो गये हैं। इस बीच शी जिनपिंग सरकार जो फैसले ले रहे हैं वो न सिर्फ चीन बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी है। कोरोना की सुनामी के बीच चीन में विदेशी यात्रियों के लिए क्वारंटाइन नियम (China Ends Quarantine Rules) को खत्म कर दिया गया है। तीन साल से चीन में क्वारंटाइन अनिवार्य था। चीन के इन फैसलों (China Ends Quarantine Rules)को देखकर ऐसा लगता है कि, ड्रैगन जानबूझकर ऐसा कर रहा है। जिनपिंग चाहते हैं कि चीन वाली सुनामी पूरी दुनिया में आ जाए। इसलिए तो वो ऐसा कर रहे हैं। वरना तीन साल से कड़े प्रतबिंधों को भला ऐसे समय में कैसे खत्म कर सकते हैं।

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चीन में कोरोना की सुनामी के बीच जिनपिंग ने खत्म किया क्वारंटाइन नियम
कोरोना में हर दिन एक करोड़ से भी ज्यादा केसेस आ रहे हैं। ऐसे में हाल ही में चीन सरकार ने तय किया कि, रोजाना मरीजों की संख्या जारी नहीं की जाएगी। यानी चीन अब कोई भी कोरोना से संबंधित डेटा नहीं देगा। चीन में कोरोना विष्फोट तब हुआ जब दिसंबर में शी जिनपिंग सरकार ने सख्त जीरो कोविड नीति को खत्म किया। भारी प्रदर्शनों के चलते चीन को कोविड नीति खत्म करना पड़ा। चीनी विशेषज्ञों के मुताबिक जीरो कोविड नीति की वजह से अर्थव्‍यवस्‍था बुरी तरह से चौपट हो गई थी। मार्च 2020 से कोविड नीति के तहत पर्यटकों के लिए सरकारी केंद्रो पर चीन आने वाले यात्रियों के लिए क्‍वारंटाइन अनिवार्य किया था। इस क्‍वारंटाइन की समय सीमा पहले घटाकर तीन हफ्ते की गई और फिर इसे नवंबर में पांच दिनों का कर दिया गया था। इस नियम के खत्‍म होने के बाद चीनी नागरिकों में विदेश जाने की होड़ सी मच गई। ट्रैवल वेबसाइट्स भी यात्रियों के सवाल जवाब से भर गईं। मगर करीब एक दर्जन देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों के लिए कोविड टेस्‍ट अनिवार्य कर दिया है।

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अपने जैसे हालात दुनिया में लाना चाहता चीन
चीन इस समय कोविड के सबसे खराब संक्रमण से जूझ रहा है। इस महीने चीनी नया साल शुरू होने वाला है और माना जा रहा है कि स्थिति और खराब हो सकती है। इस दौरान लाखों चीनी नागरिकों के विदेश जाने की उम्‍मीद जताई जा रही है। ये यात्री उन शहरों सें भी हैं जहां पर कोविड की सबसे ज्‍यादा मार पड़ी है। दूसरे देशों की तरफ से चीन के यात्रियों पर लगाये गए प्रतिबंधों को ड्रैगन ने अस्वीकार्य कर दिया है। जबकि चीन खुद विदेशी पर्यटकों और अंतरराष्ट्रीय छात्रों के आने पर रोक लगा रखा है। एशिया में चीनी पर्यटकों के आने को लेकर कई तरह की तैयारियां की गई हैं। चीन के कब्जे वाला हांगकांग भी रविवार से पूरी तरह से खुल गया। वहीं, चीन में आधिकारि‍क तौर पर कोविड से 17,500 लोगों की मौत हुई है। जबकि कई मेडिकल एक्‍सपर्ट्स मान रहे हैं कि आंकड़ों को लेकर चीन झूठ बोल रहा है। कुल मिलाकर चीन इस वक्त पूरी दुनिया में एक बार फिर कोरोना वायरस को फैलाना चाहता है। ताकि, उसके जैसे हालात बाकी देशों में भी हो जाए।