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China के दुश्मन Taiwan ने अचानक भारत में किया ऐसा ऐलान, तिलमिला उठेगा ‘ड्रेगन’

भारत-ताइवान संबंधों पर बौखलाएगा चीन

चीन (China) के सबसे बड़े दुशमन ताइवान (taiwan) ने भारत को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। यह एक ऐसा ऐलान है जिसे सुनकर चीन जरूर आगबबूला हो जायेगा। दरअसल, ताइवान ने भारत में अपना तीसरा राजनयिक कार्यालय खोलने का ऐलान किया है। ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र (TECC) नाम का यह कार्यालय मुंबई में खोला जाएगा। ऐसे में नई दिल्ली और चेन्नई में ताइवानी राजनयिक कार्यालय पहले से ही ऑपरेशनल हैं। नई दिल्ली और चेन्नई में ताइवानी राजनयिक कार्यालय पहले से ही ऑपरेशनल हैं। दरअसल, चीन वन चाइना पॉलिसी पर जोर देता है और ताइवान को एक देश के रूप में मान्यता नहीं है। अब ताइवान के इस ऐलान से चीन के भड़कने की पूरी संभावना है। चीन शुरू से ही ताइवान को अपना हिस्सा बताता आया है और किसी भी देश के साथ उसके संबंधों का विरोध करता है।

बयान में आखिर क्या कहा?

भारत में ताइवान के प्रतिनिधि (राजदूत) बाउशुआन गेर ने कहा कि हाल के वर्षों में चीनी गणराज्य (ताइवान) और भारत गणराज्य के बीच अर्थशास्त्र और व्यापार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला, संस्कृति, शिक्षा और पारंपरिक चिकित्सा सहित कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति देखी गई है। इसे देखते हुए ताइवान सरकार दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान और सहयोग को और गहरा करने के लिए मुंबई में ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र (TECC) की स्थापना करेगी।

ताइवान ने 2012 में चेन्नई में खोला था कार्यालय

ताइवानी कार्यालय ने कहा कि चेन्नई में टीईसीसी की शुरुआत 2012 में की गई थी। भारत में निवेश करने वाले और कारखाने खोलने वाले ताइवानी बिजनेस में से 60 फीसदी दक्षिण भारत में ऑपरेट कर रहे हैं। ऐसे में चेन्नई और इसके आसपास के क्षेत्रों को ताइवानी मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज के निवेश से बहुत लाभ हुआ है।

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ताइवान भारत में निवेश बढ़ाने को बेचैन

इस बयान में यह भी कहा गया है कि भारत 2022 में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। इस साल भारत सबसे बड़ी आबादी वाला देश भी बना है। अपने विशाल बाजार और व्यवसायिक अवसरों के साथ भारत वैश्विक उद्यमों के लिए एक प्रमुख निवेश स्थल के रूप में उभरा है। मुंबई भारत का सबसे बड़ा शहर है, जो देश के वित्तीय केंद्र के रूप में कार्य करता है। यहां का बंदरगाह भी भारत के व्यापार में बहुत बड़ी भूमिका अदा करता है।

चीन ताइवान को मानता है अपना हिस्सा

चीन शुरू से ही ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। चीन (China)के लगभग हर राष्ट्रपति ताइवान को ताकत के दम पर मिलाने की धमकी दे चुके हैं। वर्तमान राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी ताइवान पर हमले की धमकियां देते रहे हैं। इसके बावजूद ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश होने का दावा करता है। ताइवान को एक स्वतंत्र देश के रूप में किसी ने भी मान्यता नहीं दी है।