जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में उस वक्त बवाल मच गया, जब मानवधिकार कार्यकर्ता जुनैद कुरैशी ने अक्साई चिन पर चीन के अवैध कब्जे का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अक्साई चिन के एक बड़े हिस्से पर चीन ने अवैध कब्जा जमाया हुआ है, इसलिए उसे औपचारिक रूप से चीन के कब्जे वाला जम्मू-कश्मीर की मान्यता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर के मुद्दे पर परिषद का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं, जिस पर कई सालों से परिषद में बहस होती आई है। अक्साई चिन जम्मू और कश्मीर के 20 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है, जो कि लगभग भूटान के आकार के बराबर है।
चीन में हड़कंप, संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर के शख्स ने मचाया तहलका | UNHRC | Aksai Chin@MrsYNV @dennisckurian @dranupmodgil @IdrisAhmad_47 @VazeIndian @Faiz_INC @ParveenKader @Breathe2022
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— Adil INC ( Being Human) (@Adil_INC_) March 28, 2022
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आपको बता दें कि अक्साई चिन.. पाकिस्तान और भारत से लगा तिब्बतीय पठार का एक विवादित क्षेत्र है। इस क्षेत्र में अक्साई चिन नाम की झील और अक्साई चीन नाम की नदी है। यह कुनलुन पर्वतों के ठीक नीचे स्थित है। 1950 के दशक से ये क्षेत्र चीन कब्जे में है पर भारत इस पर अपना दावा जताता आया है और इसे जम्मू-कश्मीर राज्य का उत्तर-पूर्वी हिस्सा मानता है। चलिए आपको बताते है कि अक्साई चिन के नाम की उपत्ति कैसे हुई… दरअसल, अक्साई चिन का नाम तुर्की भाषा से आया है। इस भाषा में 'अक' का मतलब होता है सफेद और साई का मतलब होता है घाटी… वहीं चिन का मतलब होता है विराना या फिर रेगिस्तान…
#VIDEO: #Kashmiri human rights activist #JunaidQureshi called upon the UN council to formalize the term 'China-occupied Jammu and Kashmir' for referring to the large portions (aksai chin) of his homeland J&K that #Beijing illegally holds today.@amritabhinder pic.twitter.com/2UYLRwqdET
— Aneesa Tareen (@TareenAneesa) March 24, 2022
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इन सभी शब्दों को मिलाकर बना अक्साई चिन, जिसका मतलब है- सफेद-पथरीली घाटी का रेगिस्तान, लेकिन चीन की सरकार इस हिस्से को अपना बताने के लिए 'चिन' शब्द का इस्तेमाल चीन का रेगिस्तान के तौर पर इस्तेमाल करती हैं। ऐसे में जब यूएनएचसी बैठक में अक्साई चीन का नाम गूंजा तो चीन सहम गया। चीन ने तिलमिलाते हुए जुनैद के बयान को संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ बताया। चीन ने कहा- 'जो संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का उल्लंघन है। चीन अनुरोध करता है कि जुनैद की मांग को नजरअंदाज किया जाए।'