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china की हरकत का बड़ा खुलासा, दक्षिण चीन सागर को परमाणु मिसाइलों का अड्डा बनाने में जुटा

China JL 3 Sub Launched Ballistic Missiles

इस बात में जरा भी शक नहीं है कि चीन (China) अपनी चालबाजी से बाज नहीं आने वाला है। कितने भी कोर कमांड की बातें हो जाए या फिर कितनी भी बार विदेश मंत्री से लेकर तमाम बड़े नेता मिलकर बात कर लें। लेकिन, चीन अपनी धोखेबाजी और चालबाजी वाली भूमिका नहीं छोड़ने वाला है। चीन एक दो देशों नहीं बल्कि अपने साथ सीमा साझा करने वाले हर एक देश से उलझा हुआ है। वहीं अब ताइवान, जापान, अमेरिका और ऑस्‍ट्रेलिया को आंखें दिखा रहा चीन दक्षिण चीन सागर को सबमरीन से दागे जाने वाली परमाणु बम से लैस मिसाइलों का अड्डा बनाने से बस एक कदम दूर है। चीन के इस कदम से पीएलए नेवी की नई मिसाइल JL-3 अमेरिका महाद्वीप (United States) को आसानी से निशाना बना सकती है।

चीन (China) ने यह कदम ऐसे वक्त में उठाया है जब उसने पूरे दक्षिण चीन सागर पर एक तरह से कब्‍जा कर लिया है। चीन ने इस समुद्री इलाके में कई कृत्रिम द्वीप बनाये हैं। वहीं अमेरिका के नेतृत्‍व में जापान, ऑस्‍ट्रेलिया और दक्षिण पूर्वी एशियाई देश अक्‍सर चीन के इस समुद्री इलाके पर दावे को चुनौती देते रहते हैं। गत 18 नवंबर को अमेरिका के प्रशांत महासागर बेड़े के कमांडर एडमिरल सैमुअल पपरो ने इस बात की पुष्टि की कि चीन ने अपनी जेएल-3 मिसाइल को अपने 6 टाइप 094 सबमरीन पर तैनात किया है। इससे चीन के पास अमेरिका के करीबी समुद्री इलाके से हमला करने की ताकत आ गई है।

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अमेरिका के अलास्‍का प्रांत पर हमला करने की ताकत

एक साल पहले ही अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने कहा था कि पीएलए नेवी चीन (China) के तटीय इलाके से अमेरिका के तटों को निशाना बनाने की क्षमता जल्‍द ही हासिल कर लेगी। एडमिरल पपरो ने यह नहीं बताया कि क्‍या चीन की टाइप 094 पनडुब्बियों ने अमेरिका के हवाई द्वीप के पास गश्‍त लगाया है या नहीं। हवाई द्वीप पर अमेरिका का बहुत बड़ा सैन्‍य अड्डा है। इससे पूरे प्रशांत क्षेत्र में कहीं भी हमला किया जा सकता है।

अमेरिका के रणनीतिक कमांड के कमांडर एडमिरल चार्ल्‍स रिचर्ड ने पिछले महीने अमेरिकी सीनेट की कमेटी से कहा था कि इस मिसाइल की मदद से चीन (China) अपने सुरक्षित समुद्री इलाके साउथ चाइना सी से अमेरिका पर हमले कर सकता है। अमेरिकी अनुमान अगर सही है तो JL-3 मिसाइल ने अपने पूर्ववर्ती मिसाइल JL-2 से ज्‍यादा ताकतर है। JL-2 की मारक क्षमता 7,200 किलोमीटर है। अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक चीन की टाइप 094 सबमरीन बोहाई समुद्र से अमेरिका के अलास्‍का प्रांत पर हमला करने की ताकत रखती है।