चीन तरक्की के मामले में दुनिया के तमाम देशों को काफी पीछे छोड़ रहा है। इस कड़ी में चीन ने विश्व में सबसे तेज रफ्तार से चलने वाली मैग्लेव ट्रेन को शुरु किया है। ये ट्रेन 600 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है। इस ट्रेन को चीन ने देसी तकनीक से बनाया है। ये ट्रेन विद्युत चुंबकीय बल की मदद से ट्रैक के ऊपर दौड़ती है। मैग्लेव ट्रेन को चीन के तटीय शहर किंगदाओ में तैयार किया गया है। ये जानकार आपको हैरानी होगी कि इस ट्रेन में पहिए नहीं है। मैग्लेव ट्रेन बिना पहियों के चलने वाली ट्रेन है और ये चलने के लिए इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक फोर्स का इस्तेमाल करती है।
It's incredible! My God, 600km/h, this is a land aircraft😲😲😲.
Today, the China's homemade maglev train rolled off the assembly line in Qingdao.Maybe five years later, we can take the commercial version of it. pic.twitter.com/cuywEgHYLW— Sharing travel (@lsjngs) July 20, 2021
दरअसल, ये ट्रेन पटरी पर चलेगी ही नहीं, यानि इस ट्रेन का ट्रैक से कोई संपर्क नहीं होगा। ये ट्रेन चुंबकीय टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए पटरी से ऊपर उठते हुए हवा में बातें करते हुए चलेगी, जिसकी वजह से इस ट्रेन को चलने के लिए काफी कम ऊर्जा की जरूरत होगी, लेकिन इसकी रफ्तार काफी ज्यादा होगी। चीन की सरकारी मीडिया के मुताबिक इस ट्रेन का डिजाइन अभी तक 600 किलोमीटर की रफ्तार पर किया गया है, जबकि इस ट्रेन की औसत रफ्तार 500 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी। इस ट्रेन को चीन ने आज लॉन्च तक दिया है।
The world's first 600 km/h high-speed maglev train rolled off the production line in Qingdao, China on Tuesday. It is currently the fastest ground vehicle on the planet.
Guess what color is the seat cover?
Camouflage!😅 pic.twitter.com/oKypsOhvHe— Chinese Embassy in Sri Lanka (@ChinaEmbSL) July 20, 2021
मैग्लेव ट्रेन की लंबाई करीब 69 फीट है। पटरी पर चलते वक्त ऐसा लगता है कि ट्रेन चल नहीं, बल्कि पटरी पर तैर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 20 सालों से चीन इस टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है और चीन की सबसे बड़े औद्योगिक शहर शंघाई में मैग्लेव ट्रेन की छोटी लाइन भी है, जो हवाई अड्डे से शहर तक चलती है। लेकिन अब चीन ने शहरों को जोड़ने के लिए मैग्लेव ट्रेन चलाने की योजना बनाई है। शुरूआत में शंघाई शहर से चेंकदू शहर के बीच इस ट्रेन को चलाया जाएगा। ये ट्रेन शंघाई से चीन की राजधानी बीजिंग तक पहुंचाने में सिर्फ ढाई घंटे का समय लेगी।
शंघाई से बीजिंग के बीच की दूरी एक हजार किलोमीटर है और हवाई जहाज से शंघाई से बीजिंग जाने में करीब 3 घंटे का वक्त लगता है, वहीं चीन की हाई स्पीड ट्रेन से जाने में करीब साढ़े पांच घंटे का वक्त लगता है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने जब इस टेक्नोलॉजी को लॉन्च कर दिया है, तब जापान और जर्मनी भी मैग्लेव ट्रेन के बारे में सोच रहे हैं। जापान में अभी बुलेट ट्रेन चलती है, लेकिन चूंकी मैग्लेव ट्रेन को लॉन्च करने में काफी ज्यादा का बजट लगेगा, लिहाजा जापान में भी सरकार मैग्लेव ट्रेन को लेकर कोई फैसला नहीं ले पा रही है।