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दोस्त Pakistan को बीच मजधार में छोड़कर वापस भागा चीन, अंधेरे में मुल्क

China and Pakistan

China and Pakistan: चीन और पाकिस्तान की दोस्ती सिर्फ भारत से दुश्मनी के लिए है। पाकिस्तान की जमीन को चीन, भारत के खिलाफ करना चाहता है। यही कारण है कि, वो यहां पर तेजी से अपने कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है। यहां पोर्ट बना रहा है जो भारत के खिलाफ करना चाहता है। वैसे पाकिस्तान इस वक्त कंगाली के हाल में है जिसके क्रेडिट चीन को ही जाता है। चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट में फंसे दोस्त पाकिस्तान (China and Pakistan) को अब एक और बड़ा झटका लगा है। जिसके बाद मुल्क अंधेरे में रहनें वाला है। दरअसल, चीन ने Pok में बिजली परियोजना को बीच मजधार में छोड़ कर हाथ खड़े कर दिए हैं। चीन के इस कदम से पाकिस्तान (China and Pakistan) में अंधेरा छाने वाला है।

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चीन के इंजीनियरों और कर्मचारियों ने पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर (POK) में स्थित 969 मेगावाट के नीलम-झेलम हाइड्रोपावर प्रॉजेक्‍ट के मरम्‍मत के काम को इस साल जुलाई महीने से ही बंद कर दिया है। चीन ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब पाकिस्‍तान लगातार ऊर्जा और बिजली की कमी का सामना कर रहा है। चीन ने मरम्‍मत के काम को बंद करने की पीछे वजह बताई है कि स्‍थानीय लोग इस पनबिजली परियोजना के खिलाफ जोरदार विरोध कर रहे हैं।

इसपर चीन का कहना है कि, पाकिस्तान सरकार और पुलिस उसके कर्मचारियों को सुरक्षा देने में विफल रही। चीन के अचानक से बिजली परियोजना से हटने से इस्‍लामाबाद और बीजिंग के बीच हाइड्रो पावर प्रॉजेक्‍ट को लेकर तनाव पैदा हो गया है। यह बिजली परियोजना पीओके की कथित राजधानी मुजफ्फराबाद के पास स्थित है। ये चीनी इंजीनियर एक महत्‍वपूर्ण सुरंग को खोलने पर काम कर रहे थे। यह‍ बिजली परियोजना 508 अरब रुपये की है और 3 साल तक काम करने के बाद अचानक से बंद हो गई है।

चीन के इस फैसले के बाद पाकिस्तान और चीनी अधइकारियों के बीच गंभीर मतभेद पैदा गया है। इसमें नीलम-झेलम प्लांट के साथ खासतौर पर दासू, मोम्मद पावर प्रोजेक्ट भी शामिल हैं। करीब 3.5 किमी लंबी इस सुरंग से प्लांट से पानी को नहीं में पहुंचाया जाता है। इस सुरंग में गंभीर खराबी आ गई है। इससे पूरे प्लांट को पूरी तरह से बंद करना पड़। जिसके चलते पाकिस्तान में बिजली का गंभीर संकट पैदा हो गया है। कहा जा रहा है कि, सुरंग में दरार आ गई है। इस प्लांट को संचालित करने वाली अथॉर्टी वापडा की ओर से भी इसकी पुष्टि की गई है कि, सुरंघ में बाध आ जाने के कारण पावर स्टेशन को सुरक्षा कारणों से बंद करना पड़ा है।

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उधर पाकिस्तानी अधिकारियों की ओर से चीन पर कई आरोप लगाए हैं। आरोप है कि, चीनी परियोजना में कई कमियां हैं और इसे चलाना मुश्किल हो गया है। उधर चीन का कहना है कि, पाकिस्‍तानी काम करने का पैसा नहीं दे रहा है जिससे सुरंग को ठीक करने का काम प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा चीनी नागरिकों को स्‍थानीय लोगों के हमले का भी डर सता रहा है। इसपर पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि, चीनी नागरिक सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते हैं। कुल मिलाकर देखा जाय तो दोनों की दोस्ती में दरारें पड़नी शुरू हो गई हैं। अगर पाकिस्तान अंधेरे में जाता है तो उसकी अर्थव्यवस्था में भूचाल आने से कोई नहीं बचा सकता है।