दोस्ती में गिफ्ट का लेना-देना आम बात है। चीन ने अपने खास दोस्त पाकिस्तान को भी एक तोहफा दिया है, जिसकी चर्चा पूरे पाकिस्तान में है। पाकिस्तान की जनता चीन के इस गिफ्ट को पाकर काफी खुश है। ये उपहार है मेट्रो, चीन के उधार लिए पैसे से पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर लाहौर में मेट्रो सेवा शुरू की गई है। 1.6 बिलियन डॉलर (118 अरब रुपये से ज्यादा) का कर्जा चीन ने इस मेट्रो लाइन के लिए पाकिस्तान को दिया। इतना ही नहीं इस गिफ्ट को तैयार करने में 50 मजदूरों को भी जान गंवानी पड़ी है।
27 किलोमीटर लंबे इस मेट्रो प्रोजेक्ट को फाइनेंस चीन के एक्जिम बैंक ने किया है। भारी भरकम कर्जा लेने के बावजूद भी पाकिस्तान स्वतंत्र रूप से इस मेट्रो परियोजना का संचालन नहीं कर सकता। ऑरेंज मेट्रो के नाम से शुरू की गई इस सेवा का संचालन चीन रेलवे, नॉरनिको इंटरनेशनल (चीन की इंजीनियरिंग कॉन्ट्रैक्टर कंपनी) संयुक्त रूप से करेंगे। इसमें पाकिस्तान का हस्तक्षेप नाम मात्र का है।
इस मेट्रो प्रोजेक्ट के पूरा होने में 50 से ज्यादा मजदूरों की जान चली गई। जनवरी 2017 में मजदूरों के लिए बने अस्थाई आवासीय घरों में आग लग गई, जिसमें 7 मजूदरों की जान चली गई और 12 से ज्यादा मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। निर्माण कार्य के दौरान कई बार क्रेन गिरने की घटनाएं हुई, जिसमें मजदूर अपनी जान गंवाते रहे। मजदूरों की जान की परवाह किए बिना इस मेट्रो का निर्माण कार्य पूरा किया गया। द गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, लाहौर स्थित लेबर एजुकेशन फाउंडेशन के निदेशक खालिद महमूद ने बताया कि मेट्रो निर्माण में मजदूरों के अधिकारों का पूरी तरह से उल्लंघन किया गया।
ऑरेंज लाइन को लेकर पाकिस्तानी संसद के अंदर भी कई बार सवाल खड़े किए गए। मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान जब विपक्ष में थे तब उन्होंने उस वक्त की सरकार की निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि सरकार अस्पताल और वेंटीलेटर बनवाने के बजाय मेट्रो में पैसा बर्बाद कर रही है।
पाकिस्तान पूरी तरह कर्ज से दबा हुआ है। जीडीपी का 45 प्रतिशत कर्जा पाकिस्तान पर है। ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के नाम पर चीन, पाकिस्तान को कर्ज के जाल में उलझाता जा रहा है। खैर, पाकिस्तान को ये महंगा गिफ्ट मुबारक हो।.