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PM Modi को चीन के ‘जहरीली’ साजिश की लगी भनक तो उल्टे पांव भागने की तैयारी कर रहा ड्रैगन

Courtesy Google

चीन हैकर्स के जरिए भारत के खिलाफ बड़ा षड्यंत्र रच रहा है। इस बार उनके निशाने पर भारत के बिजली सेक्टर है। खूफिया जानकारी की मानें तो चीनी हैकर्स ने उत्तर भारत में कम से कम सात लोड डिस्पैच सेंटर पर निशाना बनाया हुआ है। इन सेंटर्स का काम पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा के पास मौजूद इलाकों में ग्रिड नियंत्रण और बिजली पहुंचाने के लिए रियल-टाइम ऑपरेशन को अंजाम देना है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, लोड डिस्पैच सेंटर्स में से एक पर पहले एक अन्य हैकिंग ग्रुप RedEcho ने भी अटैक किया था। इसे लेकर रिकॉर्डिड फ्यूचर ने कहा कि ये ग्रुप एक बड़े हैकिंग ग्रुप के साथ मिला हुआ है।

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अमेरिका ने कहा है कि उस बड़े हैकिंग ग्रुप के चीनी सरकार के साथ सीधे तौर पर रिश्ते रहे हैं। रिकॉर्डिड फ्यूचर की रिपोर्ट में कहा गया- चीनी सरकार से जुड़े हुए हैकिंग ग्रुप द्वारा भारतीय पावर ग्रिड पर लंबे समय तक किए गए हमलों से सीमित आर्थिक जासूसी या पारंपरिक खुफिया जानकारी इकट्ठा हो पाई है। हमारा मानना है कि इसके जरिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के आसपास की जानकारी इकट्ठा की गई है, जिसका भविष्य में इस्तेमाल किया जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, पावर ग्रिड को निशाना बनाने के अलावा चीनी हैकर्स ने भारत के नेशनल इमरजेंसी रिस्पांस रिस्पांस सिस्टम और एक मल्टीनेशनल लॉजिस्टिक कंपनी की सहायक कंपनी को भी निशाना बनाया है।

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इस हैकिंग ग्रुप को टैग-38 का नाम दिया गया है। इसने हैकिंग को अंजाम देने के लिए शैडोपैड नामक एक खतरनाक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया। इस सॉफ्टवेयर के तार पहले चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी के साथ जुड़ चुके हैं। हालांकि, रिकॉर्डिड फ्यूचर ने इस बात की जानकारी नहीं दी है कि चीनी हैकर्स द्वारा किन सेंटर्स को निशाना बनाया गया और उस कंपनी का नाम भी नहीं बताया है, जिस पर साइबर अटैक हुआ। यहां ध्यान करने वाली बात ये है कि चीन हमेशा से ही इस तरह के अपराधों में अपनी संलिप्तता को नकारता रहा है। वहीं, भारत के अधिकारियों ने भी इस मामले पर कोई जवाब नहीं दिया है।