चीन को मनाने के पाकिस्तान की सारी कोशिशें नाकाम हो गई हैं। चीन सीपेक कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक फिर रद्द कर दी है। ऐसी खबरें मिल रही है कि चीन की स्पेशल फोर्सेस पाकिस्तान में ऑपरेशन करने वाली हैं। क्योंकि पाकिस्तानी फोर्सेस न तो किसी को गिरफ्तार कर सकी हैं और न ही किसी मार सकी है। चीन को शक है कि इस हादसे के पीछे सरकार में बैठे लोगों का हाथ है। इसीलिए चीन ने त कोहिस्तान बस धमाके की जांच से पहले किसी भी बैठक से इंकार कर दिया। चीन ने दासू पॉवर प्रोजेक्ट भी पूरी तरह से बंद कर दिया है। प्रोजेक्ट में काम करने वाले लगभग 2000 पाकिस्तानी नागरिकों को सर्विस एग्रीमेंट के अनुरूप 14 दिन की तनख्वाह देकर नौकरी से निकाल दिया है। चीन की इस सख्ती को देखते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान शी जिनपिंग की काफी मान मनौव्वल कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई फायदा नहीं निकला है।
ध्यान रहे बीते सप्ताह बम धमाके में चीन के 9इंजीनियरों समेत 13लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद पाकिस्तान की ओर इसे तकनीकी खामी करार दिया गया था, लेकिन अगले ही दिन से चीन ने इसे आतंकी घटना बताया और कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा होनी चाहिए। आतंकवाद के मामलों के जानकार कहे जाने वाले फखर काकाखेल ने कहा, यह घटना इसलिए की गई हैं ताकि चाइना पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर जैसे मेगा प्रोजेक्ट को बाधित किया जा सके।उन्होंने कहा कि अब तक बलूचिस्तान के बाहरी इलाकों में आतंकी वारदात होती रही है।
चीन को ऐसी आशंका है कि कोहिस्तान के हादसे में बाहरी आतंकियों से साथ पाकिस्तान सरकार के अंदर से भी कोई न कोई शामिल है। क्यों कि अभी तक इस हादसे की किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है। दूसरी बात यह कि घटना के तुरंत बाद सरकार की ओर बयान आया कि बस मैकेनिकल फॉल्ट की वजह से दुर्घटना का शिकार हो गई। जबकि स्थानीय प्रशासन और चश्मदीदों के मुताबिक बम धमाके के बाद नदी की ओर पलटी। पाकिस्तान सरकार के ही एक गुट ने घटना को छुपाने का भी प्रयास किया, तो वहीं एक दूसरे गुट ने आतंकी वारदात कबूल कर ली। पाकिस्तान सरकार की ओर परस्पर विरोधी बयान लगातार तीन दिन तक चलते रहे।
यही कारण है कि चीन ने पाकिस्तान पर भरोसा न करते हुए अपनी जांच टीम को कोहिस्तान भेजा है। इस टीम ने भी धमाके में एक्सप्लोसिव इस्तेमाल किए जाने की पुष्टि की है। हालांकि चीन ने जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया है, लेकिन चीन के रुख की सख्ती बता रही है दाल में काला है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने ज्वाइंट कॉर्डिनेशन कमिटी की 10वीं बैठक को स्थगित कर दिया है। यह समिति ही 73अरब डॉलर के सीपेकप्रोजेक्ट की निगरानी करती है।