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तेजस के ‘तेज’ और रॉफेल के ‘रौद्र रूप’ से कांप रही चीन की सेना

Rafale vs J-20 India vs China

इंटरकॉन्टिनेंटल सुपर सोनिक मिसाइल और चुराए हुए स्पेस प्रोग्राम के भरोसे दुनिया को धमकाने वाले चीन की रातों की नींद और दिन का चैन छिन गया है। चीन की चिंता भारत का स्पेस प्रोग्राम और हाई क्वालिटी वॉर इक्विपमेंट्स और वॉर मशींस हैं। हाल ही फ्रांस से खरीदा गया कस्टुमाइज्ड रॉफेल और इंडिया मेड एलएसी तेजस चीन की चिंता का एक बड़ा कारण है। आर्थिक मंदी से जूझ रहे चीन के सामने मिलिटरी पर अतिरिक्त खर्च करने का पैसा नहीं चीन के पास फौरी तौर पर एक भी ऐसा हथियार नहीं है जो इंडियन एयरफोर्स का मुकाबला कर सके। ग्लोबल डिफेंस एक्सपर्ट का कहना है कि आज अगर इंडिया और चाईना में वॉर छिड़ जाता है तो चीन भारत की फायर पॉवर का मुकावला करने में सक्षम नहीं इसीलिए अब चीन भी सीमा पर घुसपैठ और छोटी जंग में भारत को हिलगा कर रखने की रणनीति पर आगे बढ़ रहा है। हालांकि भारत, चीन की साजिशों पर निगाह रख रहा फिर यह सलाह दी गई है कि ‘चूक'किसी भी स्तर पर न की जाए।

ध्यान रहे चीन के जे-20लड़ाकू विमान रूसी इंजन पर उड़ान भरते हैं। चीन इस इंजन को स्थानीय स्तर पर बनाए गए अधित उन्नत इंजन के साथ बदलने की प्लानिंग कर रहा है। ऐसी खबरें हैं कि J-20ट्विन-सीटर में अभी लगे WS-10को भविष्य में अधिक शक्तिशाली WS-15इंजन के साथ बदलने की योजना पर काम कर रहा है। चीन ने अबतक कुल 50जे-20लड़ाकू विमान का निर्माण किया है। इनमें से कुछ चीनी के टेक्निकल एयर कॉम्बेट डेवलेपमेंट एजेंसी के पास है तो बाकी भारत और साउथ चाइना सी के मोर्चे पर तैनात हैं। अब जितने भी जे-20विमान को चीन बना रहा है उसमें वह खुद के विकसित जे-10इंजन का उपयोग कर रहा है।

भारतीय राफेल के मुकाबले में चीन का चेंगदू J-20और पाकिस्‍तान का JF-17लड़ाकू विमान हैं। मगर ये दोनों ही राफेल के मुकाबले कमतर हैं। चीनी J-20का मेन रोल स्‍टील्‍थ फाइटर का है, वहीं राफेल को कई कामों में लगाया जा सकता है। J-20की बेसिक रेंज 1,200किलोमीटर है जिसे 2,700किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है। J-20की लंबाई 20.3मीटर से 20.5मीटर के बीच होती है। इसकी ऊंचाई 4.45मीटर और विंगस्‍पैन 12.88-13.50मीटर के बीच है यानी यह राफेल से खासा बड़ा है। पाकिस्‍तान के पास मौजूद JF-17में चीन ने PF-15मिसाइलें जोड़ी हैं मगर फिर भी यह राफेल के मुकाबले में कमजोर है।

राफेल को भारत की जरूरतों के हिसाब से मॉडिफाईड और कस्टुमाइज्ड किया गया है। राफेल की रेंज 3,700किलोमीटर है, यह अपने साथ चार मिसाइल ले जा सकता है। राफेल की लंबाई 15.30मीटर और ऊंचाई 5.30मीटर है। राफेल का विंगस्‍पैन सिर्फ 10.90मीटर है जो इसे पहाड़ी इलाकों में उड़ने के लिए आदर्श एयरक्राफ्ट बनाता है। विमान छोटा होने से उसकी मैनुवरिंग में आसानी होती है।

बीते 7 दिसंबर से 27दिसंबर तक पाकिस्तान में हुए शाहीन युद्धाभ्यास के दौरान चीन ने J-10C और J-11B फाइटर जेट्स के अलावा KJ-500अर्ली वार्निंग एयरक्राफ्ट, Y-8इलेक्ट्रॉनिक वॉर्निंग एयरक्राफ्ट को उतारा था। वहीं पाकिस्तान ने JF-17और मिराज3 फाइटर जेट को इस युद्धाभ्यास में शामिल किया था। अमेरिका ने पाकिस्तान को पहले ही अपने एफ-16लड़ाकू विमानों को इस युद्धाभ्यास में शामिल न करने की चेतावनी दी थी। चीन का चेंगदू जे-10CE पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स के J-10फाइटर जेट का निर्यात संस्करण है। यह एक मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट है, जो किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है। वजन में हल्का होने के कारण इस फाइटर जेट को ऊंचाई वाले इलाकों में भी आसानी से ऑपरेट किया जा सकता है। एक बार में यह विमान 1,850 किलोमीटर उड़ान भर सकता है। इसकी अधिकतम स्पीड मैक 1.8है। चीन का यह फाइटर प्लेन तो भारत के तेजस के मुकावले भी कहीं नहींं टिकता है। यही चीन की चिंता सबसे बड़ा कारण है।