चाइना अपने आदतों से बाज नहीं आने वाला, एक तरफ तो भारत के साथ मदद करने के लिए हाथ बढ़ाता है लेकिन दूसरी ओर वो इसी के जरिए जमकर कमाई कर रहा है। चाइना की ओर से आ रही कोविड-19 संबंधी मेडिकल सप्लाई महंगी हो गई हैं, इनके जरिए ड्रैगन अपनी जेब भर रहा। इसको लेकर जब आवाज उठाया गया तो चाइना ने सफाई देते हुए इसे मजबूरी बताया है। चीन का कहना है कि भारत की मांग पूरी करने के लिए कच्चा माल आयात करना पड़ रहा है जिस वजह से इनके दामों में बढ़ोतरी किया गया है।
हांगकांग में भारत की दूत प्रियंका चौहान ने हाल ही में चीन से मेडिकल सप्लाई की कीमतों में बढ़ोतरी रोकने को कहा था। उन्होंने कहा था कि, ऑक्सीजन कंसंट्रेटरों जैसी मेडिकल सप्लाई की कीमतों में बढ़ोतरी और भारत के लिए मालवाहक उड़ानों के बाधित होने की वजह से चिकित्सा सामानों की आवक धीमी हो रही है। अब इसका जवाब देते हुए बीजिंग ने बढ़ती कीमतों को सही करार दिया है।
चीन की ओर से दी गई सफाई
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि भारत की मांग को पूरा करने के लिए हम अपनी कंपनियों को प्रोत्साहित कर रहे हैं, लेकिन अत्यधिक मांग की वजह उन्हें आयात करना पड़ रहा है जिस वजह से दाम बढ गए हैं। इसके आगे चीनी प्रवक्ता ने उदहरण के तौर पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को लेकर कहा कि, इसका मांग भारत में कुछ ही समय में कई गुना बढ़ गया है और कच्चे माल की भी कमी है। ऐसे में कंपनियों को कच्चा माल आयात करने पर मजबूर होना पड़ा है, इसी वजह से कीमतों में उछाल आया है।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मालवाहक उड़ानों के बधित होने के बारे में कोई सीधा जवाब तो नहीं दिया, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि बीजिंग औद्योदिक आपूर्ति श्रंखलाओं को खुला रखने के लिए प्रतिबद्ध है। हम वैक्शिव औद्योगिक औऱ आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुचारू बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और उम्मीद है कि सभी पक्ष वैश्विक औद्योगिक स्थिरता सुनिश्चित करेंगे और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इन श्रृंखलाओं को बाधित करने के बजाये मिलकर काम करेंगे।