इस बात में जरा भी शक नहीं है कि चीन (China) अपनी चालबाजी से बाज नहीं आने वाला है। कितने भी कोर कमांड की बातें हो जाए या फिर कितनी भी बार विदेश मंत्री से लेकर तमाम बड़े नेता मिलकर बात कर लें। लेकिन, चीन अपनी धोखेबाजी और चालबाजी वाली भूमिका नहीं छोड़ने वाला है। मगर इस बात चीन को खुद मुसीबत में पड़ता नजर आ रहा है दरअसल, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का ड्रीम प्रॉजेक्ट बेल्ट एंड रोड अब ड्रैगन के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है। चीन ने दुनिया पर राज करने के लिए बेल्ट एंड रोड परियोजना को आगे बढ़ाया और 1 ट्रिलियन डॉलर की भारी भरकम राशि को खर्च करना शुरू किया। अब यही परियोजना चीन के लिए जी का जंजाल बन गई है। पिछले 3 साल में चीन को बेल्ट एंड रोड परियोजना में 78 अरब डॉलर को या तो गंवाना पड़ा है या उसको लेकर फिर से बातचीत करनी पड़ी है।
चीन को दोस्त पाकिस्तान समेत कई देशों के कर्ज को रीस्ट्रक्चर करना पड़ा है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन की 1 ट्रिल्यन डॉलर की बेल्ट एंड रोड परियोजना अब बैड लोन का शिकार हो गई है। इस वजह से पिछले 3 साल में 78 अरब डॉलर की राशि का लोन उसे या तो माफ करना पड़ा है, या फिर उसे रिस्ट्रक्चर करना पड़ा है। बीआरआई परियोजना की वजह से चीन दुनिया में सबसे बड़ा कर्जदाता देश बन गया है।
चीन ने BRI पर 1 ट्रिल्यन डॉलर खर्च किया
ताजा जानकारी के मुताबिक रोडियम ने कहा कि साल 2017 से 2019 के बीच के 3 साल में मात्र 17 अरब डॉलर के लोन को या तो माफ किया गया या फिर रिस्ट्रक्चर किया गया। पिछले एक दशक में बीआरआई के तहत कितना लोन दिया गया है, इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है। हालांकि अनुमान है कि चीन की ओर से 1 ट्रिल्यन डॉलर खर्च किया गया।
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इसके अलावा चीन ने कर्ज लेने वाले 150 देशों को ‘बचाने के लिए’ बहुत बड़ी मात्रा में लोन दिया है ताकि वे डिफॉल्ट न हों। इस तरह के बेलआउट पैकेज साल 2019 से साल 2021 के अंत तक 104 अरब डॉलर तक रहे। यही नहीं अगर साल 2000 से लेकर साल 2021 तक के आंकड़े को देखें तो यह कुल धनराशि 240 अरब डॉलर तक पहुंचती है।
जिनपिंग का सपना है BRI प्रॉजेक्ट
बीआरआई (Belt and Road Initiative) कर्ज को रीस्ट्रक्चर करने के लिए बातचीत साल 2020 और साल 2021 की तुलना में अब कम हो गई है। विशेषज्ञों ने कहा कि बीआरआई परियोजना में कमियां अब बढ़ती ही जा रही हैं। बीआरआई प्रॉजेक्ट चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की प्रतिष्ठा से सीधा जुड़ा हुआ है। एक दशक पहले जिनपिंग ने बीआरआई को ‘सदी का प्रॉजेक्ट’ करार दिया था।