Hindi News

indianarrative

बहुत खतरनाक है Xi Jinping का प्लान! चीनी वायरस से लड़ रही है और चीन भारत को घेरने का कुचक्र रच रहा है

Corona and Chinese Conspiracy

एक तरफ दुनिया कोरोना से लड़ने के लिए एकजुट हो रही है वहीं चीन भारत के खिलाफ चारों ओर से घेरने के कुचक्र कर रहा है। नेपाल-भूटान, बंगाल-श्रीलंका और मालदीव की सरकारों को येन-केनअपने जाल में फंसाने की कोशिश कर रहा है। इससे भी यह साबित होता है कि कोरोना महामारी फैलाने और उसका इलाज छुपा कर रखने की साजिश चीन पहले ही कर चुका है।

चीन कोरोना महामारी में मदद के बहाने नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका आदि देशों में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है। चीन महामारी के वक्त भी अपनी घेरेबंदी की रणनीति पर काम कर रहा है। एक तरफ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अमेरिका को पीछे छोड़ना चाहता हैं। दूसरी तरफ सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के पड़ोस में अपनी गतिविधियों को इस लिहाज से बढ़ाना चाहते हैं जिससे उसका असर बढ़े और भारत की स्थिति कमजोर हो।

बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल में चीन बड़ी निवेश योजना पर काम कर रहा है। हालांकि, भारत ने चीन की हर कूटनीतिक चाल का सटीक जवाब दिया है। जानकारों का कहना है कि चीन भारत को पड़ोस में घेरने की रणनीति पर लगातार काम कर रहा है। चीन की कोशिश है कि वह नेपाल, श्रीलंका और मालदीव में दखल देकर वहां की सत्ता को प्रभावित करे। लेकिन भारत ने सतर्क रणनीति से काउंटर किया है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर राजनयिक समर्थन देकर उसके बदले में इन देशों की जमीन पर चीन की निगाह है। जहां बंदरगाह बनाए जाएं और लिसनिंग पोस्ट और इलेक्ट्रॉनिक जासूसी के केंद्र काम करें।

चीन संबंधित देशों में बंदरगाहों तक सीधी पहुंच बनाना चाहता है, ताकि हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के बीच के मार्गों पर नियंत्रण स्थापित किया जा सके। चीन ने पाकिस्तान, म्यांमार और श्रीलंका में बंदरगाह बना लिए हैं। चीन की भारत की घेराबंदी की कोशिश में पाकिस्तान मोहरा रहा है। बांग्लादेश को भी चीन सैन्य-आर्थिक मदद, बुनियादी ढांचे के निर्माण में सहयोग देकर बदले में सामरिक सुविधाएं लेने के पत्ते चल रहा है।

नेपाल और भूटान अब तक भारत के प्रभावक्षेत्र में रहे हैं, लेकिन चीन उन्हें लगातार अपने साथ लाने की कोशिश में लगा है। नेपाल में माओवादियों के सत्ता में आने के बाद से चीन के लिए हालात अनुकूल लग रहे थे। लेकिन भारत की नेपाल में भूमिका को वह कम नही कर पाया है। चीन नेपाल के साथ एक ऐसा मैत्री करार करना चाहता है, जो 1950के भारत-नेपाल को बेअसर बना सके। पिछले कुछ अरसे में चीन ने भूटान के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों पर अपनी गतिविधियां तेज की हैं, जो भारत के चिकन्स नेक कहलाए जाने वाले क्षेत्र के नजदीक हैं। यह सिलीगुड़ी का वह संकरा इलाका है, जो मुख्य भारत को उत्तर-पूर्व के साथ जोड़ता है। चीन की नजर सेशेल्स और मॉरीशस पर भी है। चीन मालदीव में भी लगातार नजर गड़ाए रहता है। सामरिक विशेषज्ञों का मानना है कि असलियत यह है कि चीन भारत को घेरना चाहता है ताकि इस क्षेत्र में भारतीय नौसेना के बढ़ते प्रभाव पर लगाम लगा सके।

भारत ने क्वाड के जरिये चीन की रणनीतिक मोर्चेबंदी का संदेश दिया है। क्वाड प्लस की रणनीति पर भी काम चल रहा है। भारत की कोई मंशा एशियाई नाटो बनाने की नहीं है। लेकिन भारत ये जरूर चाहता है कि दक्षिण एशिया के उसके पड़ोसी मित्र देशों में चीन का दखल न बढ़े। भारत ने बांग्लादेश, श्रीलंका,नेपाल,मालदीव में लगातार अपनी सक्रियता बरकरार रखी है। संपर्क परियोजनाओं को गति देने का प्रयास हो रहा है। कोविड की पहली लहर के दौरान भारत ने इन सभी देशों को महत्वपूर्ण मदद दी है।