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नेपाल सेना प्रमुख जनरल प्रभुराम शर्मा की ‘भारत यात्रा’ से चीन के कान खड़े- आंख गड़ाए बैठा है ड्रैगन

नेपाल सेना प्रमुख जनरल प्रभुराम शर्मा की 'भारत यात्रा' से चीन के कान खड़े

नेपाल के लिए भारत का दिल हमेसा से उदार रहा है और नेपाल भी हमेसा भारत संग अपनी दोस्ती को बनाए रखने की पूरजोर कोशिश की है, वो अलग बात है कि चीन के दाबव में आने के बाद ओली सरकार भारत के खिलाफ चले गए हालांकि, बाद में उन्हें जब अपनी गलती का एहसास हुआ तो वो वापस भारत संग दोस्ती का हाथ बढ़ा दिए। इसके साथ ही नेपाल की वर्तमान सरकार भी लगातार भारत संग अपने रिश्ते को मजबूत करती हुई नजर आ रही है जिसका असर पड़ोसी मुल्क चीन में नजर आ रहा है। नेपाल और भारत संग बढ़ती दोस्ती से चीन परेशान है और पाकिस्तान परेशान हैं और अब दोनों देशों में हलचल और ज्यादा बढ़ने वाली है क्योंकि नेपाल के सेना प्रमुख जनरल प्रभुराम शर्मा अपने भारत यात्रा पर आर रहे हैं जहां दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करने के साथ कई अहम मुद्दाओं पर चर्चा होगी।

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नेपाल के सेना प्रमुख जनरल प्रभुराम शर्मा भारत में अपने चार दिवसीय यात्रा पर होंगे जिसके लिए आज उन्होंने नई दिल्ली के लिए उड़ान भर दी है। जनरल प्रभु को भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे की ओर आधिकारिक निमंत्रण मिला था जिसके बाद वो उन्होंने भारत के इस न्योते को स्वीकार करते हुए आने की सहमति जताई। पिछले साल भारतीय सेना प्रमुख नरवणे ने भी नेपाल की यात्रा की थी। चीन की बढ़ती गतिविधि की वजह से भारत नेपाल को अपने साथ करने में जुटा हुआ है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी करेंगे मुलाकात

अपनी भारत यात्रा के दौरान जनरल प्रभु रामशर्मा अपने भारतीय समकक्ष जनरल एम एम नरवणे, वायु सेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख से मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भारतीय सेना के मानद जनरल की रैंक से सम्मानित करेंगे। वह 12 नवंबर को नेपाल लौट जाएंगे। खबरों की माने तो जनरल शर्मा अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। साथ ही नेपाल सेना प्रमुख भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और तीनों सेना प्रमुखों और रक्षा सचिव अजय कुमार से भी मुलाकात करेंगे। इसके अलावा वह नेशनल डिफेंस कॉलेज में एक कार्यक्रम में भी शामिल होंगे जहां से उन्होंने एक कोर्स भी किया था। ये यात्रा दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए हो रही है।