चीन इस वक्त क्या कर रहा है किसी को कुछ नहीं पता, चीन इस वक्त जहां कोरोना वायरस के चलते लोगों को घरों में कैद कर रहा है तो वहीं ताइवान के साथ तनाव भी लगातार बढ़ते जा रहा है। इन सब की बच सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर राष्ट्रपति शी जिनपिंग कहां छिपे हुए हैं। दुनिया का ध्यान इस वक्त सबसे ज्यादा शी जिनपिंग पर क्योंकि, वो पिछले 22 महीने से देश से बाहर नहीं निकले हैं। यहां तक की ग्लासगो में आयोजित सीओपी26 जलवायु सम्मेलन से भी वो गायब रहे।
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सीओपी26 जलवायु सम्मेलन में चीन के हिस्सा न लेने पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि, जिनपिंग ने जी20, सीओपी26 में शामिल ना होकर एक बड़ी गलती की है। लोगों को चिंता इसलिए और बढ़ गई है क्योंकि चीन ने अपने नागरिकों से कहा है कि खाने का सामना घर पर इकट्ठा करके रखें। चीनी नागरिकों का मानना है कि उनका देश ताइवान के खिलाफ युद्ध छेड़ सकता है इसलिए ये सब किया जा रहा है। इसे लेकर हर चगह चर्चाओं की जंग छिड़ गई है। हालांकि, चीनी सरकार इसके पीछ कुछ और ही वजह बता रहे हैं।
चीन में इस वक्त नमक, चीनी और कैरोसीन सहित दूसरा सामान खरीदने के लिए बड़ी संख्या में लोग बाजार में इकट्ठा हो रहे हैं, जिसके चलते देश के कई हिस्सों में बहुत से सामान की कमी हो गई है। कई राज्यों में स्थानीय अधिकारी सप्लाई को बनाए रखने और चीजों के दाम सामान्य करने के लिए काफी संघर्ष कर रहे हैं। हालात को नियंत्रित करने के लिए चीन के वित्त मंत्रालय ने लोगों से कहा कि केवल आपात समय में ही खाने का सामान घर में इकट्ठा करें। चीन की सरकार का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी और बिनमौसम बारिश के कारण सब्जियों और दूसरे सामान के दाम बढ़ने की आशंका है।
स्थानीय मीडिया ने एक लिस्ट तैयार की है, जिसमें बताया गया है कि कौन सा सामान घर में जमा करके रखना है। बिस्किट, जल्दी बनने वाले नूडल्स, विटमिन की गोलियां, रोडियो और फ्लैशलाइट शामिल हैं। लोगों को डराने के बाद चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थन वाले इकोनॉमिक डेली ने लोगों से कहा कि इतनी हड़बड़ी करने की कोई जरूरत नहीं है, ऐसा इसलिए कहा गया है ताकी लॉकडाउन की स्थिति में किसी तरह की कोई परेशानी ना हो। इसके अलावा शी जिनपिंग के 22 महीने से छिपे रहने के पीछे का कारण कोरोना वायरस को बताया जा गया है। वह संक्रमण के डर से देश से बाहर नहीं निकल रहे हैं।
बताते चलें कि, ड्रैगन इन दिनों ताइवान पर बुरी नजर बनाए रखा हुआ है, लोगों को मानना है कि दोनों देशों के बीच किसी भी वक्त युद्ध छिड़ सकती है। चीन लगातार भारी संख्या (रिकॉर्ड तोड़) में लड़ाकू विमान भेजकर ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ कर रहा है। इस बीच राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी कहा है कि ताइवान को शांति से चीन में शामिल कर लिया जाएगा। उनके इस बयान के बाद ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने कहा कि चीन हमारी किस्मत का फैसला नहीं कर सकता। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि, अगर चीन हमला करता है तो बेहद भयावह घटना होगा। इन्हीं बयानों के बाद आशंका बढ़ गई है कि चीन ताइवान पर हमला करने की रणनीति तेज कर दिया है।