भारत का डंका पुरे विश्व में बज रहा है। सब की नज़रें बस ग २० पर तिकी हुई है। भारत की इतनी तरक्की देख चीन (China) जल कर ख़ाक हो रहा है। जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले राष्ट्रपति की ओर से भेजे गए डिनर निमंत्रण पत्र पर अंग्रेजी में इंडिया की जगह ‘भारत के राष्ट्रपति’ लिखा था। इसके बाद अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि अब इंडिया नाम को खत्म कर दिया जाएगा। इस पर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपना रिएक्शन दिया है। ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि भारत अपने आपको जो चाहे वो बुलाए। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या भारत व्यापक आर्थिक सुधार कर सकता है?
ग्लोबल टाइम्स(China) ने कहा कि जब दिसंबर में जी20 की अध्यक्षता भारत के पीएम मोदी ने संभाली तो उन्होंने कहा कि भारत की अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्रवाई उन्नमुख होगी। स्पष्ट तौर पर भारत अपनी जी-20 की अध्यक्षता का इस्तेमाल अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव को बढ़ाने के लिए करना चाहता है। ग्लोबल टाइम्स ने माना की भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक हैं और इस रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।
‘भारत की बात सुनेगी दुनिया’
इसके आगे ग्लोबल टाइम्स (China)ने तंज कसना शुरू किया। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि भारत ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि भारत अपनी जी-20 अध्यक्षता के जरिए दुनिया को क्या संदेश देना चाहता है। लेकिन इस समय भारत जो भी कहेगा उस पर लोगों का ज्यादा ध्यान जाएगा। उम्मीद है कि भारत इसका अच्छा इस्तेमाल कर सकेगा और अपने लिए विकास की प्रेरक शक्ति में बदल सकेगा।’
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आगे ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि भारतीय लोगों के पास यह आजादी है कि वह अपने देश को क्या कहें, लेकिन नाम सबसे महत्वपूर्ण चीज नहीं है। लेख में लिखा गया,’महत्वपूर्ण बात है कि क्या भारत आर्थिक व्यवस्था में बड़ा सुधार कर सकता है? यह आर्थिक उन्नति और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत के प्रभाव को बेहतर बनाने की कुंजी है। क्रांतिकारी सुधार के बिना भारत विकास हासिल नहीं कर सकता। भारत ने जब जब दुनिया के लिए अपना बाजार खोला है, तब तब उसके विकास को मजबूत गति मिली है।’