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China की India के इस खास ‘दोस्त’ पर बुरी नजर, पूरा देश हथियाना चाहता ड्रैगन

भारत के इस खास दोस्त 'देश' पर चीन की नजर

पूरी दुनिया में चीन ऐसा देश है जिसके अलग बगल बसे लगभग सारे देश परेशान, चीन अपनी सिमाओं से सटे हरएक देश के क्षेत्रों हथियाने पर लगा हुआ है। यहां तक की अब दूर दराज के क्षेत्रों में लगातार अपनी पैठ मजबूत करने में लगा हुआ है। जैसे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और वहां पर अपना कई प्रोजेक्ट बैठा दिया है उसी तरह अब चीन अफ्रीका की अर्थव्यवस्था को अपनी मुट्ठी में कैद करना चाहता है। अब उसकी योजना नाइजीरिया में अपने बैंक स्थापित करने की है।

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हाल ही में नाइजीरिया की राजधानी अबुजा में चीन का मिड-ऑटम त्योहार मनाया गया है। इस दौरान नाइजीरिया में चीनी राजदूत कुई जियानचुन ने कहा है कि वह चीन के कुछ बड़े बैंकों के साथ बातचीत कर रहे हैं, ताकि इनका संचालन नाइजीरिया में भी हो सके। कुई ने नाइजीरिया और चीन के बढ़ते संबंधों के बारे में बात की और दोनों देशों के विकास में बैंकिंग और बैंकिंग प्रणालियों के मजत्व पर जो दिया है।

कुई जियानचुन ने नाइजीरियाई सेंट्रल बैंक और नाइजीरियाई केंद्र सरकार के साथ इस मासले पर हो रही बातचीत के बारे में बताया। चीन अब नाइजीरिया के वित्तीय क्षेत्र में भी अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। इससे पहले साल 2018 में उसने तीन साल के मुद्रा विनिमय समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत नाइजीरिया को अपना कुछ विदेशी भंडार चीन में स्थानांतरित करना था।

वहीं, साल 2020 में जिम्बाब्वे, दक्षिण अफ्रीका, नाइजीरिया और घाना के बाज चीन के साथ मुद्रा विनियम समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला चैथा अफ्रीकी देश बना था। हाल ही में अफ्रीकी देशों और चीन के बीच व्यापार में काफी तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है और अब चीन  अप-सहारा अफ्रीका का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार माना जा रहा है।

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चीन का व्यापार अफ्रीकार के साथ 2,000 प्रतिशत से अधिक तक बढ़ गया है। साल 2019 में 200 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था, चीन ने उस दौरान अफ्रीका में व्यापार में सहायता के लिए सड़कों और आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास में मदद करने के लिए अपने 1 बिलियन डॉलर के बेल्ट एंड रोड अफ्रीका इंफ्रास्ट्रक्टर डेवलपमेंट फंड की घोषणा की थी। इसके बाद से यहां चीन की पकड़ लगातार मजबूत होती जा रही है।