Hindi News

indianarrative

और कितना गिरेगा ड्रैगन- अब तो UAE में चोरी करते हुए पकड़ा गया- America ने कर दी कार्रवाई

अब UAE में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए चीन चोरी से कर रहा था ये काम

चीन इन दिनों कई देशों के साथ अपनी दुश्मनी बढ़ाते जा रहा है। कई देशों के क्षेत्रों को ड्रैगन जबरन हथियाने की कोशिश में लगा हुआ है। जमीन से लेकर समुद्र तक में चीन घुसपैठ कर रहा है। ताइवान के बाद दक्षिण चीन सागर में चीन तेजी से हथियाने की मंसा में रणनीति बना रहा है। इसके साथ ही चीन इस वक्त अमेरिका और रूस जैसे पॉवरफुल देशों से अपनी दुश्मनी बढ़ाते जा रहा है। अब चीन की एक और चोरी पकड़ी गई है। ड्रैगन UAE में चोरी से मिलेट्री पोस्ट बना रहा था जिसका खुलासा होने के बाद अमेरिका ने रुकवा दिया है।

यह भी पढ़ें- तालिबान को मिला सुपर पॉवर से बड़ा झटका- अफगानिस्तान की जब्त संपत्ति जारी करने से किया इनकार

संयुक्त अरब अमीरात में चीन एक पोर्ट पर चुपके से एक मिलेट्री सुविधा तैयार करने में जुटा हुआ था, इसकी जानकारी अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने दी है। मौजूदा वक्त में UAE मिडिल ईस्ट में अमेरिका का सबसे करीबी सहयोही है। ऐसे में जो बाइडेन प्रशासन ने UAE सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि, UAE में चीन की उपस्थिति दोनों देशों के संबंधों को खतरों में डाल सकती है।

ऐसे खुला चीन का पोल

वॉल ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में कहा गया है कि, अमेरिकी अधिकारियों द्वारा कई दौर की बैठकों और यात्राओं के बाद निर्माण काम को रोक दिया गया है। रिपोर्ट की माने तो, चीन इतनी चालाकी से ये काम कर रहा था कि UAE सरकार तक को उसके सैन्य गतिविधियों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। रिपोर्ट के अनुसार करीब एक साल पहले अबू धाबी से करीब 50 मील उत्तर में खलीफा बंदरगाह है जहां पर संदिग्ध चीनी गतिविधियों के संकेत दिखे थे। इसके बाद से अमेरिकी अधिकारियों ने खुफिया रिपोर्ट्स जमा करनी शुरू कर दी। शुरुआत में बहुत ज्यादा जानकारी हाथ नहीं लगी लेकिन सेटेलाइट इमेज के जरिए और अन्य इंटेल के जरिए अधिकारियों को चीन बंदरगाह पर सैन्य स्थापना का पता चला। इसके बाद अमेरिकी अधिकारियों ने UAE को बताया की इस साइट का मकसद मिलेट्री सेंट्रिक है। ऐसे में इस निर्माण को रोका जाना चाहिए।

यह भी पढ़ें- फिर दुनिया के सामने 'चोर' साबित हुआ पाकिस्तान, US-जर्मनी के बाद अब रूस ने पकड़ी चोरी

मामले को लेकर UAE के वाशिंगटन दूतावास के प्रवक्ता ने बताया है कि UAE और चीन के बीच किसी सैन्य अड्डे या किसी और तरह के बेस या पोस्ट को लेकर कभी कोई वार्ता या समझौता नहीं हुई है। और न की ऐसी कोई योजना है या इरादा है। बता दें कि UAE अमेरिका के सबसे करीबी मध्य पूर्व सहयोगियों में से एक है, और दोनों देशों के बीच लंबे समय से व्यापार और सुरक्षा संबंध हैं। ऐसे में चीन की घुसपैठ अमेरिकी हितों के लिए खतरा बन गई है।