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BRICS के विस्तार को लेकर China की बड़ी चाल! चीनी चाल से भारत चौकस।

BRICS के जरिए China की ख़तरनाक़ चाल

BRICS देशों की विस्तार को लेकर China की चाल में भारत फंसने वाला नहीं है। क्योंकि भारत चीन की चाल को देखते हुए फूंक-फूंक कर अपनी रणनीति बना रही है। ब्रिक्स देशों की बैठक हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में होगी। इस दौरान ब्रिक्स के विस्तार से जुड़ी चर्चा होगी। इस मुद्दे पर भारत फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। दरअसल 13 देशों ने इसके लिए आवेदन किया है। ब्रिक्स को पहले से ही पश्चिम विरोधी ग्रुप की तरह देखा जाता है। ऐसे में भारत संतुलन बनाने में लगा है।

BRICS में पांच देश रूस, ब्राजील, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका आते हैं। इस महीने सभी सदस्य दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में मिलेंगे। इस दौरान ग्रुप को बढ़ाने से जुड़ा एजेंडा भी होगा। कथित तौर पर 13 देश हैं जिन्होंने इस क्लब में शामिल होने के लिए आवेदन किया है। अन्य छह देश हैं जो कतार में लगे हैं। लेकिन किसी भी ग्रुप की सदस्यता की तरह इसमें भी शामिल होना आसान नहीं है। ब्रिक्स का मामला बेहद जटिल है। चीन लगातार इसके विस्तार की बात कर रहा है वहीं भारत संतुलन बनाए रखना चाहता है।

हालांकि भारत विस्तार का समर्थक है, लेकिन फिर भी इस बात की चिंता है कि चीन कहीं ये चीन की चाल तो नहीं है। क्योंकि BRICS के विस्तार से चीन का पलड़ा भारी हो सकता है। अर्जेंटीना, यूएई, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, ईरान और वेनेजुएला ब्रिक्स में शामिल होना चाहते हैं। शंघाई सहयोग संगठन की ही तरह ब्रिक्स को भी पश्चिम विरोधी गुट की तरह देखा जाता है। कई बार ऐसी रिपोर्ट्स आती रहती हैं कि ब्रिक्स सदस्य देश डॉलर की जगह व्यापार के लिए अपनी एक मुद्रा जारी कर सकते हैं, जो अमेरिका को सीधे तौर पर बड़ा खतरा है।

BRICS के विस्तार पर जोर

एक रिपोर्ट के मुताबिक विस्तार से जुड़े सवालों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘इसपर काम चल रहा है। हम इस पर सकारात्मक इरादे और खुले दिमाग से काम कर रहे हैं। इसके कई पहलू हैं। हमें यह देखना होगा कि मौजूदा ब्रिक्स सदस्य एक-दूसरे के साथ कैसे काम कर रहे हैं। इसका दूसरा हिस्सा यह है कि गैर ब्रिक्स देशों को कैसे जोड़ा जाएगा और तीसरा हिस्सा यह है कि हम ब्रिक्स विस्तार को कैसे देखते हैं। इसका उचित प्रारूप क्या होगा। क्योंकि इस पर भी हमें काम करने की जरूरत होगी।’

विस्तार के पक्ष में ब्राजील

रूस ने सार्वजनिक तौर पर विस्तार का समर्थन किया है। भारत के साथ ब्राजील भी इसके विस्तार को नियमों पर आधार पर चाहता है। राष्ट्रपति लूला ने गुरुवार को अपने देश की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, ‘संभवतः इस बैठक में हम पहले से ही सर्वसम्मति से तय कर सकते हैं कि कौन से नए देश ब्रिक्स में शामिल हो सकते हैं। मेरी राय है कि जितने देश प्रवेश करना चाहते हैं, अगर वे हमारे बनाए नियमों को मानते हैं तो हम उनकी एंट्री स्वीकार करेंगे।’

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