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मुसलमानों की निजी हज यात्रा पर रोक से चीन के मंसूबे फिर उजागर

मुसलमानों की निजी हज यात्रा पर रोक से चीन के मंसूबे फिर उजागर

चीन ने मक्का में गैर-आधिकारिक हज यात्रियों पर प्रतिबंध लगाने के नए नियम जारी किए हैं। धार्मिक मामलों को नियंत्रित करने के लिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी सरकार का यह एक और प्रयास है। चीन के धार्मिक मामलों के प्रशासन ने तीर्थयात्रियों के लिए देशभक्ति को परिभाषित करने वाले नए नियम जारी किए हैं। यह नया कदम धार्मिक मामलों पर नियंत्रण को कठोर करने के चीन की सरकार के मंसूबे को साफ उजागर करता है।

मुस्लिमों की हज तीर्थयात्रा के लिए जारी किए गए नए नियमों में धार्मिक मामलों के सरकारी प्रशासन ने कहा कि सऊदी अरब की ऐसी सभी यात्राओं को इस्लामिक एसोसिएशन ऑफ चाइना द्वारा व्यवस्थित किया जाना चाहिए, जो पार्टी की अंतर्राष्ट्रीय आउटरीच शाखा यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट द्वारा नियंत्रित संगठन है। अब स्वतंत्र निजी हज तीर्थयात्राओं की अनुमति नहीं है।

प्रशासन ने नए नियमों में कहा, " एसोसिएशन को देशभक्ति और सुरक्षित  व्यवहार के मुद्दे पर हाजियों को शिक्षित करना चाहिए, उपस्थित लोगों के प्रबंधन को मजबूत करना चाहिए और धार्मिक अतिवादी सोच और व्यवहार की घुसपैठ को रोकना चाहिए।"

शिनजियांग के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र में धार्मिक गतिविधियों के दमन के लिए बीजिंग पहले ही भारी अंतर्राष्ट्रीय आलोचनाओं के घेरे में आ गया है। मानवाधिकार समूहों का अनुमान है कि 10 लाख से अधिक तुर्क-भाषी उइगर लोगों और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नजरबंदी शिविरों में रखा गया है और कुछ को बंधुआ मजदूरी के लिये मजबूर किया गया है। बीजिंग का कहना है कि ये सभी शिविर मुस्लिम कट्टरपंथ का मुकाबला करने के लिए प्रशिक्षण केंद्र हैं।

यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम में कार्य करने वाले एक उइगर-अमेरिकी मानवाधिकार वकील नूरी तुर्केल ने कहा कि "अवैध हाजियों" पर प्रतिबंध लगाने और मक्का के लिए केवल आधिकारिक तीर्थयात्राओं की अनुमति देना 2005 से एक नीति थी। लेकिन नए नियम अब साफ करते हैं कि चीनी सरकार कैसे हज यात्रियों का चयन करेगी।

इस नये नियम के अनुसार केवल उन्हीं हज तीर्थयात्रियों को अनुमति दी जाएगी जो "देशभक्त", "कानून का पालन करने वाले" होंगे और उनके पास यात्रा का खर्च उठाने की माली हालत है। तुर्केल ने कहा, “हज यात्रा पर जाने के इच्छुक मुसलमानों के लिए एक राजनीतिक परीक्षा लागू होगी। ज्यादा संभावना है कि सरकार इस राजनीतिक परीक्षण के कारण कुछ मुस्लिम समूहों, विशेष रूप से उइगर मुस्लिमों के साथ भेदभाव कर सकती है। जो एक नई घटना नहीं है।”

<img class="wp-image-14876 size-full" src="https://hindi.indianarrative.com/wp-content/uploads/2020/10/उइगर.png" alt="The Chinese government will discriminate against some Muslim groups, especially Uygar Muslims, under the new rules." width="1280" height="850" /> चीनी सरकार नए नियमों से कुछ मुस्लिम समूहों विशेष रूप से उइगर मुस्लिमों से भेदभाव करेगी

हज एक धार्मिक कर्तव्य है जिसे सभी मुसलमानों को अपने जीवन के दौरान एक बार पूरा करना जरूरी है। यह ईमान, नमाज, जकात और रोजा के साथ इस्लाम की पांच बुनियादों में से एक है।

चीनी मुसलमानों के लिए सरकार के द्वारा संगठित हज यात्रा को 1985 में शुरू किया गया और इसके लिये एक कोटा और भुगतान प्रणाली स्थापित की गई थी। धार्मिक प्रशासन विभाग के नियमों के अनुसार इस प्रणाली में महत्वपूर्ण मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों जैसे कि शिनजियांग, गांसु, निंगज़िया और किंघई को शामिल किया गया।

पहले चीन में निजी हज यात्राएं संभव थीं लेकिन उचित कागजी कार्रवाई के बिना इनकी व्यवस्था कर पाना मुश्किल था क्योंकि सऊदी सरकार ने भी इसे "अवैध हज" मानकर ऐसे लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया था। तुर्केल ने कहा कि चीनी अधिकारियों ने निजी हज करने वाले मुसलमानों को परेशान किया था और यहां तक ​​कि उन मुसलमानों को प्रताड़ित भी किया गया था जिन्होंने स्वतंत्र हज यात्रा की थी।

उन्होंने यह भी कहा कि पासपोर्ट प्राप्त करने में समस्याओं और उइगर तीर्थयात्रियों की आयु कम से कम 60 वर्ष होने के नियम की वजह से उइगुरों को अनुमोदित हज यात्रा यात्रियों के एक छोटे से हिस्से से संतोष करना होता है।

जर्मनी के एक मानवाधिकार समूह सोसाइटी फ़ॉर थ्रीटेंड पीपल्स के अनुसार 2017 में चीन सरकार की संगठित हज यात्रा पर गए अनुमानित 12,000 मुसलमानों में से केवल 1,400 उइगर थे। भले ही वे चीन में दूसरे सबसे बड़े मुस्लिम समूह हैं।

हज के दौरान चीनी मुसलमानों के बीच इस्लामिक शिक्षाओं और प्रथाओं के कट्टरपंथ में बदलने के बारे में चिंता के बीच बीजिंग की मुसलमानों पर कठोर राजनीतिक नियंत्रण रखने की नीति का ये नए नियम एक और संकेत हैं। क्योंकि हज के दौरान वे दुनिया भर के मुसलमानों से मिलते हैं, अनुभवों का आदान-प्रदान करते हैं और एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। कुछ चीनी मुसलमान जो हज करने के बाद लौटे,अपने अनुभवों को चीन ले आए और स्थानीय चीनी मौलवियों की आलोचना की, जिसके कारण समस्याएं पैदा हुईं।

जो लोग हज करके वापस लौटते हैं, उनको सम्मानजनक संबोधन हाजी हासिल होता है। जो चीन के सरकारी इस्लाम के संस्करण के लिये परेशानी का कारण बन सकते हैं और "धर्म के चीनीकरण" को चुनौती दे सकते हैं। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी निजी तौर पर हज करने जाने वाले लोगों के बारे में इतनी चिंतित नहीं है। वे उन हाजियों के वापस लौटने के बाद के परिणाम के बारे में चिंतित हैं।.