भारत-मिडिल ईस्ट और यूरोप कॉरिडोर के को लेकर देश दुनिया में चर्चा हो रही है। इस कॉरिडोर के खुलने को लेकर कहा जा रहा है कि इससे China के BRI को बड़ा झटका लगने जैसा माना जा रहा है। कहा ये भी जा रहा है कि इस कॉरिडोर के जरिए चीन को करारा जवाब दिया जाएगा। इधर, भारत-मिडिल ईस्ट और यूरोप कॉरिडोर को लेकर इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि ‘यह आर्थिक गलियारा मिडिल ईस्ट को बदलने वाला होगा’। लिहाजा इस कॉरिडोर को चीन के बीआरआई का जवाब माना जा रहा है।
इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि मिडिल ईस्ट कॉरिडोर इस क्षेत्र की सूरत बदलने वाला साबित होगा। इधर,नेतन्याहू के बयान को काफी अहम बताया जा रहा है क्योंकि उनका देश सऊदी अरब के साथ रिश्ते सुधारने में लगा हुआ है।
बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि “यह कॉरिडोर उनके इतिहास की सबसे बड़ी ऐसी परियोजना होने वाला है जो आपसी सहयोग से आगे बढ़ेगा। साथ ही यह आर्थिक गलियारा न केवल मिडिल ईस्ट बल्कि पूरी दुनिया को बदलने वाला साबित होगा।“
भारत-मिडिल ईस्ट और यूरोप कॉरिडोर को चीन (China)के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) का जवाब माना जा रहा है। चीन के BRI को छोटे देशों को कर्ज जाल में फंसाने का दोषी बताया जाता है। लिहाजा बीआरआई को लेकर पूरी दुनिया में अच्छी रिपोर्ट नहीं है।
इजरायल के पीएम ने परियोजना का किया स्वागत
नेतन्याहू ने शनिवार देर रात एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘इजरायल एक अभूतपूर्व विश्वव्यापी परियोजना का केंद्र बनने जा रहा है जो बुनियादी ढांचे को एशिया से यूरोप तक जोड़ेगा। मैं अमेरिका, भारत, सऊदी अरब, यूएई और यूरोपियन यूनियन के साथ-साथ फ्रांस, इटली और जर्मनी की तरफ से जारी किए गए बयान का स्वागत करता हूं।’
बेंजामिन नेतन्याहू का यह बयान तब आया है जब हजारों इजरायली सरकार के प्रस्तावित न्यायिक सुधार के खिलाफ प्रदर्शन में लगे हुए हैं। नेतन्याहू की मानें तो यह प्रोजेक्ट मध्य पूर्व और इजरायल का चेहरा ही बदल देगा और साथ ही पूरी दुनिया पर प्रभाव डालेगा।
BRI को लगेगा झटका
भारत-सऊदी अरब औऱ यूरोप कॉरिडोर भारत से शुरू होकर यूरोप तक पहुंचेगा लेकिन उससे पहले यूएई, सऊदी अरब, जॉर्डन और इजरायल से होकर गुजरेगा। इस आर्थिक गलियारे को बीआरआई के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है।
BRI शी जिनपिंग का ड्रीम प्रोजेक्ट है
बता दें कि BRI चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है। हालांकि इसे कर्ज नीति की वजह से काफी विवादित भी करार दिया जाता है। साल 2013 में जिनपिंग ने China को जमीन और समुद्री नेटवर्क के जरिए दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका और यूरोप से जोड़ने के लिए बीआरआई को लॉन्च किया था।
IMEC की घोषणा तब हुई है जब इजरायल और सऊदी अरब के बीच मेल-मिलाप की खबरें आई है। दोनों देशों के बीच कोई राजनयिक संबंध नहीं हैं। लेकिन इसके बाद भी सऊदी अरब ने हाल ही में इजरायल की एयरलाइंस को अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति दी थी। इसे इजरायल के प्रति उसके नरम रुख को दर्शाता है।
इस कॉरिडोर से खुलेंगे नए दरवाजे
इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने कहा, ‘हमारी रेलवे और बंदरगाह भारत से, मध्य पूर्व के माध्यम से, यूरोप तक और वापस यूरोप से जॉर्डन के जरिए सऊदी अरब, यूएई और भारत तक एक नया प्रवेश द्वार खोलेंगे। ‘ नेतन्याहू ने इस कॉरिडोर के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को धन्यवाद ज्ञापित किया है। साथ ही कहा है कि बाइडन प्रशासन की वजह से ही यह ऐतिहासिक घोषणा संभव हो पाया है।
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