नेपाल के सीमांत हुमला जिले के नामखा में बॉर्डर पिलर्स की जांच करके लौट रहे नेपाली प्रतिनिधिमण्डल पर चीनी सेना ने अचानक हमला कर दिया। यह हमला आंसूगैस के गोलों से किया गया। टियर गैस शेलिंग से कई लोग घायल हो गये हैं। चीनी आर्मी की इस तरह की हरकत से नेपाल में चीन के प्रति आक्रोश और बढ़ गया है। इस प्रतिनिधि मण्डल के साथ नेपाली कांग्रेस के नेता जीवन बहादुर शाही भी थे। नामखा ग्रामीण समिति के उपाध्यक्ष पीमा लामा ने बताया कि जैसे ही वो लोग पिलर नंबर 5-67 और 8 का निरीक्षण करके 9 नंबर पिलर के पास पहुंचने ही वाले थे कि चीनी आर्मी ने टियर गैस शेलिंग शुरू कर दी। चीनी आर्मी की टियरगैस शेलिंग में पीमा लामा भी जख्मी हुए हैं। उनकी आंख के ऊपर चोट आई है।
ध्यान रहे, नेपाल के कृषि मंत्रालय ने सरकार को रिपोर्ट दे चुका है कि चीन तिब्बत में निर्माण कार्यों के नाम पर नेपाल की जमीनें हड़प रहा है। चीन ने नेपाल की ओर बह रही नदियों का रुख मोड़ कर भी नेपाल की जमीन पर कब्जा कर लिया है। हालांकि नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने कहा है कि चीन नेपाल की जमीन पर कब्जा नहीं कर रहा है। शाही के नेतृत्व में पिलर का निरीक्षण करने गये दल ने जिस पिलर के गायब होने की बात कही है वो पिलर कभी लगाया ही नहीं गया था।
कुछ दिन पहले ही नेपाल के उत्तरी इलाके में चीन के निर्माण कार्य के खिलाफ नेपाल छात्र संघ के सदस्यों ने राजधानी काठमांडू में चीनी दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया था। कोविड-19 प्रतिबंधों के चलते प्रदर्शनकारियों ने मास्क और फेस शील्ड लगा रखा था। प्रदर्शनकारी हमला जिले में चीनी सेना के निर्माण कार्यो के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों के हाथों में पोस्टर भी था, जिन पर लिखा था कि चीन ने जिस इलाके का अतिक्रमण किया है, वह नेपाल का हिस्सा है।
इस बीच नेपाली कांग्रेस ने सरकारी अधिकारियों के दौरा करने और रिपोर्ट सौंपने से पहले सरकार की टिप्पणी पर आलोचना की। विपक्षी पार्टी ने रिपोर्ट का इंतजार नहीं करने के लिए ओली सरकार को कठघरे में खड़ा किया। इससे पहले नेपाल के विदेश मंत्रालय ने भी नेपाली जमीन पर चीन के अतिक्रमण की खबरों का खंडन किया था।.