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मालदीव की अर्थव्यवस्था चीनी कर्ज के जाल में उलझी

मालदीव की अर्थव्यवस्था चीनी कर्ज के जाल में उलझी

कुछ जानकारों का अनुमान है कि हिंद महासागर के द्वीपीय राष्ट्र मालदीव की अर्थव्यवस्था पर चीनी ऋण जाल का गहरा असर पड़ चुका है। इसके साफ संकेत मिल रहे हैं कि मालदीव पर बीजिंग के लिए बकाया राशि का भार लगातार बढ़ता जा रहा है।

चीन पर यह आरोप लगता रहा है कि विकासशील देशों में अपने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उपयोग वह प्रच्छन्न तरीके से इन क्षेत्रों अपने असर को बढ़ाने के इरादे से ऋण जाल के रूप में करता है।

चीन ने मालदीव में दो द्वीपों के बीच 2.1 किमी लंबा एक फोर-लेन पुल 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से बनाया था। मालदीव के द्वीपसमूह में किसी भी दो द्वीपों के बीच बना सिनमाले पुल या चीन-मालदीव मैत्री पुल को भी एक नया संपत्ति निर्माण और वाणिज्यिक विकास में उछाल का कारण बताया जा रहा था।

यह मालदीव के चीन समर्थक राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के कार्यकाल के दौरान शुरू की गई कई परियोजनाओं में से एक था, जिनको 2013 में राष्ट्रपति चुना गया था। यामीन के कार्यकाल में पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नाशीद सहित कई राजनेताओं के मानवाधिकार हनन के आरोप भी सरकार पर लगाये गये थे। नशीद जो अब संसद के स्पीकर हैं, उनको कैद किया गया था।

2018 में यामीन को चुनाव में आश्चर्यजनक हार का सामना करना पड़ा और इब्राहिम मोहम्मद सोलीह मालदीव के राष्ट्रपति बने।

चीन के कर्ज से चिंतित नाशीद के हवाले से कहा गया कि "चीनी कर्ज 3.1अरब अमरीकी डॉलर था।" इस आंकड़े में सरकार-से-सरकार को दिया गया ऋण, सरकारी उद्यमों को दिए गए धन और मालदीव सरकार द्वारा गारंटीकृत निजी क्षेत्र के ऋण शामिल हैं।

अब मालदीव की संसद के अध्यक्ष इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उनका देश कर्ज के जाल में फंस गया है। उनका कहना है, "क्या ये परिसंपत्तियां ऋण का भुगतान करने के लिए पर्याप्त राजस्व का उत्पादन कर सकती हैं? इन परियोजनाओं में से किसी की भी व्यवसाय योजना में इसका कोई संकेत नहीं है कि यह वापस ऋण भुगतान करने में सक्षम होंगी।"

हालांकि मालदीव के पूर्व अधिकारियों और चीनी प्रतिनिधियों ने अनुमान लगाया कि माले पर चीन का बकाया 1.1 से 1.4 अरब अमरीकी डॉलर के बीच है। जबकि देश का सकल घरेलू उत्पाद केवल 4.9 अरब अमेरिकी डॉलर है।

नशीद को चिंता है कि मालदीव का भी अंजाम श्रीलंका के समान हो सकता है, जहां चीनी कर्ज के चलते चीनी सरकार द्वारा संचालित कंपनी ने हंबनटोटा बंदरगाह में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली और 2017 में उसे 99 साल की लीज पर ले लिया।

पर्यटन पर बहुत अधिक निर्भर मालदीव को कोरोनावायरस संकट ने बहुत ज्यादा प्रभावित किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, जून के अंत तक विदेशी पर्यटकों के आगमन में 55 फीसद की गिरावट दर्ज की गई थी। इस साल अगर यह महामारी बनी रहती है तो अनुमान है कि देश में अमरीकी डॉलर राजस्व में एक-तिहाई से अधिक की गिरावट आ सकती है।.