रॉयल बंगाल टाईगर ने पहली बार ड्रैगन को अपना रौद्र रूप दिखा दिया है। जिसका नतीजा यह निकला कि चीनी रक्षामंत्री वी फेंगहे (Wei Fenghe) नेपाल की राजधानी काठमाण्डु से उड़े तो ढाका के लिए थे लेकिन उन्हें रास्ता बदलकर रावलपिण्डी उतरना पड़ा। नेपाल में भारत विरोधी साजिशों को फिर से सुलगाने में नाकाम रहे फेंगहे का दूसरा पड़ाव ढाका था। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को चीनी रक्षामंत्री वी फेंगहे (Wei Fenghe) की कुटिल चाल के बारे में जानकारी मिल चुकी थी। <a href="https://en.wikipedia.org/wiki/Sheikh_Hasina" target="_blank" rel="noopener noreferrer"><span style="color: #000080;"><strong>शेख हसीना</strong></span></a> ने कूटनीतिक माध्यम से संदेश भेज दिया कि ढाका चीनी रक्षामंत्री वी फेंगहे (Wei Fenghe) का स्वागत करने के लिए तत्पर नहीं है।
चीन को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से इस तरह का जवाब के उम्मीद नहीं थी। ऐसा बताया जाता है कि चीन ने अपने रक्षामंत्री फेंगहे की ढाका विजिट के विजिट के लिए दबाव बनाने की कोशिश भी की लेकिन 'ड्रैगन' के दबाव में आने बजाए 'रॉयल बंगाल टाइगर' ऐसा गुर्राया कि फेंगहे के जहाज ने यू टर्न ले रावलपिण्डी की राह पकड़ ली।
इंडिया नैरेटिव डॉट कॉम को विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारत की भरोसेमंद दोस्त शेख हसीना ने रक्षा रणनीति में चीन के ऊपर भारतीय हितों को प्रमुखता दी है। ऐसा भी समझा जाता है कि चीनी रक्षा मंत्री फेंगहे की ढाका यात्रा को रद्द करवाने में भारतीय एनएसए अजित डोभाल के प्रयास भी रहे हैं। क्यों कि जिस समय फेंगहे नेपाल में थे ठीक उसी समय अजित डोभाल कोलंबो में श्रीलंका और मालद्वीप के समक्षों के साथ वार्ता कर रहे थे। चीन का प्रयास भारत को तीन ओर से घेरने का रहा है। एक ओर वो नेपाल पर दबाव बनाकर <a href="https://hindi.indianarrative.com/world/indian-army-handed-over-20-trained-horses-and-10-dogs-to-landmines-to-bangladesh-army-17454.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer"><strong><span style="color: #000080;">भारत</span></strong></a> विरोधी गतिविधियों को हवा देना चाहता है तो वहीं ढाका को लालच देकर बांग्लादेश के सैन्य और असैनिक बंदरगाहों को भारतीय हितों के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहता है। चीन की यह साजिश भी है कि बांग्लादेश से लगती भारत की सीमाओं पर भी पाकिस्तान जैसा तनाव बना रहे। ताकि भारत पाकिस्तान-नेपाल और बांग्लादेश के साथ सीमा तथा अन्य विवादों में उलझा रहे और चीन लद्दाख में मनमानी कर सके।
बहरहाल, चीनी रक्षामंत्री फेंगहे ने नेपाल को एक बार तमाम बड़े समझौतों का लालच देकर अपनी ओर करने का नाकाम प्रयास किया है। क्यों कि चीन के ना चाहने के बावजूद नेपाल के विदेश मंत्री ग्याली भारत के साथ सम्बंधों को फिर से पटरी पर लाने के लिए दिल्ली आने वाले हैं। इसी तरह बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी भारत के साथ दोस्ती और परस्पर हितों को ध्यान में रखते हुए चीनी रक्षामंत्री फेंगहे को आसमान से आसमान में ही वापस कर दिया।.