भारत में वैक्सीन (corona vaccination) के इंतजार की घड़ी कुछ हफ्तों की है। लेकिन लोगों के मन में तरह-तरह के सवाल घर कर गये हैं। जैसे कि क्या वैक्सीन लगने के बाद कोरोना नहीं होगा, जीवन में कभी कोरोना फिर से कहर बनेगा तो कोरोना का टीका कितना कारगर होगा। ऐसे तमाम सवाल जेहन में पैदा होते हैं। इस बीच, गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के डायरेक्टर और स्पुतनिक-5 वैक्सीन के प्रमुख विकासकर्ता अलेक्जेंडर गेन्सबर्ग ने दावा किया है कि वैक्सीन द्वारा कोविड-19 के खिलाफ दो साल तक सुरक्षा प्रदान किए जाने की संभावना है।
यूट्यूब पर सोलोविएव लाइव चैनल पर उनके दिए बयान में उन्होंने कहा, अभी तो मैं केवल सुझाव ही दे सकता हूं क्योंकि और अधिक प्रयोगात्मक आंकड़ों की आवश्यकता है। हमारी वैक्सीन ईबोला वैक्सीन की तर्ज पर बनाई जा रही है। उन्होंने आगे कहा, अभी तक जितने भी प्रयोग हुए हैं, उनसे प्राप्त आंकड़ों से यही पता चलता है कि यह वैक्सीन दो साल या उससे अधिक समय तक के लिए सुरक्षा प्रदान करेगी।
इस रूसी वैज्ञानिक के मुताबिक, स्पुतनिक-5 वैक्सीन 96 फीसद मामलों में प्रभावी रहा है। बाकी बचे चार प्रतिशत टीकाकृत व्यक्तियों में बहती नाक, खांसी और हल्के बुखार की शिकायत रहेगी, लेकिन फेफड़ा प्रभावित नहीं होगा।.