इमरान खान नया पाकिस्तान का ख्वाब दिखाकर सत्ता में आए थे। लेकिन उनके राज में पाकिस्तान की स्थिति और भी दयनीय हो गई है। इमरान खान का नया पाकिस्तान करप्शन का सेंटर बनता जा रहा है। ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल के ताजा करप्शन परसेप्शन इंडेक्स (CPI 2020) में पाकिस्तान 4 स्थान नीचे फिसलकर 124वें स्थान पर पहुंच गया है। दुनिया के 180 देशों की इस रैंकिंग में भारत 86वें पायदान पर है। चीन 78वें, और बांग्लादेश 146वें स्थान पर है। भ्रष्टाचार के खात्मे का वादा करके सत्ता में आए इमरान खान के 'नया पाकिस्तान' के और ज्यादा भ्रष्ट होने से सियासी माहौल गरम हो गया है।
पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने इमरान खान सरकार में देश के और ज्यादा भ्रष्ट होने पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान वर्ष 2020 और वर्ष 2019 में 120वें स्थान पर था और अब यह 124वें स्थान पर पहुंच गया है। यही नहीं वर्ष 2018 से तुलना करें तो इमरान का नया पाकिस्तान 7 पायदान नीचे चला गया है। बिलावल भुट्टों की पार्टी पीपीपी की नेता शेरी रहमान ने इमरान खान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इमरान खान भ्रष्टाचार के खात्मे का दावा करते हैं लेकिन उनका दावा झूठा है।
पीएमएल-एन की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने इमरान खान सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा, ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट, ग्लोबल प्रूफ है कि मौजूदा इमरान खान सरकार कितनी भ्रष्ट है।
इमरान खान के मंत्री बना रहे बहाना
इस रिपोर्ट के आने के बाद से पाकिस्तानी सरकार बहाना बनाने में जुट गई है। करप्शन इंडेक्श में गिरावट के लिए इमरान खान के मंत्री पूर्व सरकारों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। सूचना मंत्री शिबरी फरहाज ने कहा, 30 वर्ष का भ्रष्टाचार 30 महीने में नहीं खत्म होगा। जियो न्यूज से बातचीत में उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री इमरान खान की छवि साफ सुथरी है। उनका प्रभाव मंत्रियों पर भी पड़ा है।