'पाकिस्तानी पीएम इमरान खान की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। रमजान में सऊदी अरब से जकात (भीख) लेकर लौट रहे इमरान खान को शी जिनपिंग ने कर्जा देने से इंकार कर दिया है। शी जिनपिंग के इस रवैये से पेशावर-कराची रेल प्रोजेक्ट डिरेल हो गया है। इतना ही नहीं शी जिनपिंग ने इमरान खान से पुराना कर्ज वापस करने का दबाव भी बढ़ा दिया है। '
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के लिए एक तरफ खाई और दूसरी तरफ खंदक है। सऊदी अरब काफी मान मनौवल के बाद सऊदी अरब के साथ रिश्तों में थोड़ी नरमी आई तो अब चीन ने तल्खी दिखानी शुरू कर दी है। सीपेक (चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर) के तहत पाकिस्तान की अतिमहत्वाकांक्षी रेल परियोजना के लिए चीन ने कर्जा देने से मना कर दिया है। इतना ही नहीं अब तक दिए कर्जे का तकाजा भी कर दिया है। रेल प्रोजेक्ट के पाकिस्तान को 45 हजार करोड़ रुपये की जरूरत है। चीन ने कहा है कि वो पुराने कर्जों और डेवलेपपमेंट प्रोजेक्ट की समीक्षा किए बिना नया कर्ज नहीं देगा।
ध्यान रहे, शुरुआती दौर में पाकिस्तान की इस रेल परियोजना पर 9 अरब डॉलर खर्च होने थे। जिसे बाद में चीन ने 6.9 अरब डॉलर कर दिया था। चीन यह रकम देने को तैयार भी था, लेकिन पाकिस्तान की लगातार जर्जर हो रही अर्थव्यवस्था को देखते हुए शी जिनपिग प्रशासन ने रेल प्रोजेक्ट के लिए एक भी डॉलर देने से इंकार कर दिया है।
कोरोना महामारी के बाद चीन ने पाकिस्तान में चल रही कई परियोजनाओं की अब दोबारा समीक्षा करना शुरू कर दिया है। चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कारीडोर (सीपीइसी) के तहत चल रही योजनाओं में रेलवे की परियोजना एमएल-1भी है। बीजिंग ने इस ऋण को लेकर 30मार्च को अपने संबंधित विभागों के साथ बैठक की थी। जिसमें पाकिस्तान की खस्ता हालत को देखते हुए माना गया था कि इस ऋण की अदायगी में मुश्किल होगी।
पाकिस्तान के अधिकारियों के अनुसार चीन ने इस परियोजना को लेकर अपनी चिंता से अवगत करा दिया है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान इस ऋण की अदायगी के लिए कोई ठोस प्रस्ताव चीन को नहीं दे सका है।इस परियोजना में पेशावर से कराची तक रेल लाइन बिछाने का कार्य किया जाना था। यह परियोजना पाक के चार राज्यों से गुजरेगी।