CPEC: पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान को लेकर अहम फैसला हुआ है।दरअसल, तालिबान चीन की महत्वाकांक्षी ‘वन बेल्ट वन रोड’ (OBOR) परियोजना के अफगानिस्तान में विस्तार पर सहमत हो गया है।चीन के विदेश मंत्री किन गैंग, अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के बीच हुई बैठक में यह फैसला हुआ है।
बता दें कि अफगान के विदेश मंत्री चार दिवसीय पाकिस्तान दौरे पर हैं। चीन के विदेश मंत्री किन गांग और उनके समकक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने शनिवार को इस्लामाबाद में मुलाकात की। दोनों ने अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण और 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर को पड़ोसी देश अफगानिस्तान तक ले जाने पर साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया। मुलाकात के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा, ‘दोनों पक्ष अफगान लोगों के लिए अपनी मानवीय और आर्थिक सहायता जारी रखने और अफगानिस्तान में सीपीईसी के विस्तार पर सहमत हुए हैं।’
It was an honor to host FMs of China & Afg & Chair the 5th China-Pak-Afghan Trilateral FMs Dialogue. We held productive discussions on pol. engagement, counter terrorism, & trade & connectivity. I look forward to constructive engagement under trilat. process b/w our 3 countries pic.twitter.com/n2t0dSxaBe
— BilawalBhuttoZardari (@BBhuttoZardari) May 7, 2023
चीनी और पाकिस्तानी अधिकारियों ने लगभग एक दशक पहले शुरू हुई BRI के तहत निर्मित CPEC प्रोजेक्ट को अफगानिस्तान तक विस्तारित करने पर चर्चा की है। नकदी संकट से जूझ रहे तालिबान ने भी इस प्रोजेक्ट में हिस्सा लेने और इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए निवेश हासिल की इच्छा जाहिर की है। तालिबान सरकार में विदेश मंत्री अमीर ख़ान मुत्तक़ी ने भी इस्लामाबाद में अपने चीनी और पाकिस्तानी समकक्षों से मुलाकात की और इस समझौते पर पहुंचे। उनके उप प्रवक्ता हाफिज जिया अहमद ने इसकी पुष्टि की।
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तालिबान ने चीन से देश के समृद्ध संसाधनों में निवेश को बढ़ावा देने की भी उम्मीद जताई है, जिसका अनुमान 1 ट्रिलियन डॉलर है। तालिबान सरकार ने उत्तरी अमु दरिया बेसिन से तेल निकालने के लिए चाइना नेशनल पेट्रोलियम कॉरपोरेशन की एक सहायक कंपनी के साथ जनवरी में अपना पहला कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। चीन और पाकिस्तान के मंत्रियों ने अफगानिस्तान की विदेशी वित्तीय संपत्तियों को अनफ्रीज करने पर भी जोर दिया है।