<p id="content">बांग्लादेश हिंदू बुद्ध क्रिश्चियन ओइक्या परिषद (बीएचबीसीओपी) के महासचिव राणा दासगुप्ता ने बांग्लादेश सरकार से 2012 के बाद से देश के अल्पसंख्यक लोगों पर हुए सभी हमलों की जांच के लिए एक आयोग गठित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर सांप्रदायिक हमलों को रोका नहीं जाता है तो अल्पसंख्यक चटगांव से ढाका तक पैदल मार्च करेंगे।</p>
राणा दासगुप्ता चटगांव में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। जहां अल्पसंख्यक समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाले 10 संघों के लगभग 500 लोगों ने अल्पसंख्यकों पर सांप्रदायिक हमलों के खिलाफ विरोध करने के लिए प्रदर्शन में हिस्सा लिया। विरोध प्रदर्शन में उपस्थित पूर्व न्यायमूर्ति शम्सुद्दीन माणिक ने कहा कि बांग्लादेश कभी भी पाकिस्तान नहीं बनेगा, यह सांप्रदायिक सद्भाव का देश है।
प्रदर्शनकारियों ने अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों को खत्म करने की मांग की। जिसके बारे में उन्होंने दावा किया कि यह 'धार्मिक भावना को आहत करने' की अफवाह फैलाकर किया गया था।
राणा दासगुप्ता ने कहा, "अल्पसंख्यक समुदायों के कम से कम 11 लोगों को हत्या की धमकी दी गई। 30 के साथ सामूहिक दुष्कर्म और अत्याचार किया गया। 23 का अपहरण किया गया और 34 को बांग्लादेश छोड़ने की धमकी दी गई। देवी दुर्गा की 27 मूर्तियों को तोड़ दिया गया और 23 मंदिरों पर हमला किया गया। इस तरह की कई घटनाएं देश के विभिन्न हिस्सों में हाल के दिनों में हुई हैं। दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।".