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स्टिंग में चीनी डॉक्टरों ने किया खुलासा, कोरोना वायरस को लेकर हमने दुनिया से झूठ कहा!

चीन का एक डॉक्टर!

कोरोना वायरस ने दुनिया भर करड़ों लोगों की जान ले ली। अब तक लगभग 9.61 करोड़ लोगों की जान कोरोना के चलते जा चुकी है। चीन इस वायरस का केंद्र है। चीन का वुहान शहर जहां से इस वायरस का प्रसार हुआ वहां अभी से हर दिन इस वायरस को लेकर खबरें आ रही हैं। अमेरिका और ब्रिटेन जैसे ताकतवर देशों को भी झकझोर देने वाले इस वायरस का चीन के कुछ डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों ने खुफिया कैमरों पर ऐसा सच उजागर किया है कि चीन पर फिर से उंगलियां उठने लगी हैं।
 
यूके की न्यूज वेबसाइट Mirror के अनुसार चीन के वुहान के कुछ स्वास्थ्य कर्मियों ने कहा है कि उन्हें काफी पहले ही इस बात का पता चल चुका था कि वायरस बहुत ही जानलेवा है और तेजी से फैल रहा है, लेकिन उन्हें झूठ बोलने के लिए कहा गया था। दिसंबर 2019 में ही इस वायरस की भयावहता का अंदाजा उन्हें हो गया था, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन को इस बारे जनवरी महीने के मध्य में बताया गया कि ये वायरस लोगों की जान ले रहा है। उन्होंने ये भी बताया कि इस वायरस के तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने के बारे में भी अस्पतालों को सच बताने के लिए मना किया गया था। कोरोना वायरस की वजह से चीन में खराब होते हालात को देखकर चीनी नए साल के तमाम कार्यक्रमों पर रोक भी लगाने की मांग की गई थी, लेकिन अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। ITV की एक डॉक्युमेंट्री 'आउटब्रेक: द वायरस दैट शूक द वर्ल्ड' में वुहान के डॉक्टरों ने ये सच बयां किया है। हालांकि, उनके चेहरों को छुपा दिया गया है, ताकि उनकी सुरक्षा को कोई खतरा ना हो।
 
इस डॉक्युमेंट्री में एक डॉक्टर ने कहा है कि 'दिसंबर के अंत या जनवरी की शुरुआत में, मेरे एक जानकार का रिश्तेदार वायरस से मरा था। मेरे जानकार सहित उनके साथ रहने वाले सभी लोग संक्रमित थे।' हालांकि, 12 जनवरी को चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि इसके एक व्यक्ति से दूसरे में फैलने के सबूत नहीं मिले हैं। डॉक्टरों ने ये भी बताया कि उन्हें पता था कि वायरस एक से दूसरे शख्स में फैल रहा है, लेकिन अस्पतालों को सच नहीं बताने के आदेश मिले थे।