यूरोपिएन यूनियन के तमाम देशों ने कहा है कि पाकिस्तान में बेईमान और भ्रष्टाचार चरम पर है। पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता। दरअसल, पाकिस्तान की सरकारी एयर लाइन में फेक पायलट लाइसेंस (Fake Pilot License Scam) घोटाला सामने आया था। इस घोटाले (Fake Pilot License Scam) के मद्देनजर यूरोपिएन यूनियन ने <a href="https://hindi.indianarrative.com/world/pakistan-pilot-license-scam-pia-going-to-be-banned-in-188-countries-17606.html"><strong><span style="color: #000080;">पीआईए</span></strong></a> पर रोक लगा दी थी। पीआईए पर रोक का मतलब की पाकिस्तान की सरकारी एयर लाइंस के जहाजों की उड़ान को यूरोपीय यूनियन के देशों में प्रतिबंधित करना है।
यूरोपीय यूनियन ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि वह लाइसेंस प्रक्रिया तथा सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान देने के लिए पाकिस्तान के नागरिक विमानन प्राधिकरण की कार्रवाई से असंतुष्ट है। जुलाई 2020 में यूरोपीय संघ के सदस्य देशों ने पाकिस्तान में पायलटों के फर्जी लाइसेंस को देखते हुए छह महीने के लिए रोक लगा दी थी।
<a href="https://en.wikipedia.org/wiki/European_Union"><strong><span style="color: #000080;">यूरोपिएन यूनियन</span></strong></a> ने संसद में पाकिस्तान के नागर विमानन मंत्री के एक भाषण का उल्लेख करते हुए पायलटों को लाइसेंस जारी करने पर चिंता प्रकट की थी। भाषण में कहा गया था कि एक तिहाई पाकिस्तानी पायलटों के पास फर्जी लाइसेंस हैं। मंत्री के बयान से दो दिन पहले 22 मई को कराची हवाई अड्डे के पास पीआईए का एक यात्री विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें 97 यात्री मारे गये थे।
कराची प्लेन एक्सीडेंट के बाद से संसद में जांच रिपोर्ट पेश करने के दौरान नागर विमानन मंत्री गुलाम सरवर खान ने कहा था कि पीआईए के 40 फीसदी पायलटों के लाइसेंस फर्जी हैं। पाकिस्तान में कुल 860 कमर्शियल पायलट हैं। मंत्री ने दावा किया था कि जिन पायलटों की जांच की जा रही है, उनकी भर्ती इमरान खान सरकार के कार्यकाल के पहले हुई है।
यूरोपीय यूनियन के अलावा दुनियाभर के कई अन्य देशों ने भी पीआईए के उड़ानों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसमें कुवैत, ईरान, मलेशिया, जॉर्डन और यूएई जैसे मुस्लिम देश भी शामिल हैं। जो पाकिस्तान के पायलटों पर भरोसा नहीं कर रहे हैं। अमेरिका ने भी पाकिस्तान के फर्जी पायलटों को लेकर चिंता जताई थी।.