पाकिस्तान और इमरान खान की आज अग्नि परीक्षा है। यह परीक्षा एफएटीएफ की है। इस परीक्षा के परिणाम से पाकिस्तान पहले से ही वाकिफ है। इसलिए पाकिस्तानियों ने रोना-गाना शुरू कर दिया है। इमरान खान और उनके गुर्गों ने कहना शुरू कर दिया है कि जिस ज्वाइंट ग्रुप को आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की परफॉरमेंस की जांच करनी है उसका सदस्य भारत का करीबी भूटान है। भूटान के रहते पाकिस्तान का एफएटीएफ से बाहर आना मुश्किल है। पाकिस्तान ने दुनिया की आंख में धूल झोंकने के लिए कुछ आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई का ड्रामा किया था। इस कार्रवाई पर भारत और अमेरिकी टिप्पणियां बेहद अहम हैं। इसीके साथ पाकिस्तानी मिनिस्टर फबाद चौधरी का संसद में दिया गया बयान भी एफएटीएफ के ज्वाइंट ग्रुप के सामने होगा।
दरअसल, एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 27 बिंदुओं पर काम करने के लिए कहा था और इस बैठक में यह देखा जाएगा कि पाकिस्तान ने कितने बिंदुओं पर पर्याप्त काम किया है। बैठक में दी जाने वाली सलाह के आधार पर एफएटीएफ अगले महीने यह तय करेगा कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा या बदला जाएगा।
पाकिस्तान की मीडिया में कहा जा रहा है भारत का करीबी सहयोगी भूटान इस बैठक का हिस्सा है। ऐसे में पाकिस्तान को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। यह ग्रुप अपनी रिपोर्ट एफएटीएफ की इंटरनैशनल कोऑपरेटिंग रिव्यू ग्रुप को सौंपेगा जिसे एफएटीएफ की बैठक में पेश किया जाएगा। पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखना है या नहीं, एफएटीएफ इस पर फरवरी के आखिरी हफ्ते में एक बैठक में फैसला किया जाएगा।
अगर यह ग्रुप रिपोर्ट देता कि पाकिस्तान ने टेररिस्ट और टेरर फण्डिंग के ऐक्शन प्लान को पूरा नहीं किया है तो उसे ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकी घोषित किए गए लोगों के खिलाफ ऐक्शन लेने को भी कहा है।
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