अमेरिका ने भारत को कोरोना से बचाव के लिए मेडिकल सामग्री भेजी तो रूस कैसे पीछे रहता। रूस ने आपात परिस्थितियों का हवाला देते हुए भारत को भारी मात्रा में कोरोना की दवाईयां और ऑक्सीजन उपकरण भेजे हैं। रूस की राजधानी मास्को से मेडिकल सामग्री लेकर एक विशेष विमान दिल्ली के लिए रवाना हो चुका है। रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक भी एक मई से पहले भारत पहुंच जाएगी।
रूस के अलावा सिंगापुर और थाईलैण्ड ने भी भारत को ऑक्सीजन की सप्लाई की है। कनाडा ने कोरोना की दवाओं आदि के लिए 10 मिलियन डॉलर रेडक्रॉस के माध्यम से दी है। आयरलैण्ड से ऑक्सीजन कंसनट्रेटर आ रहे हैं तो जर्मनी से ऑक्सीजन जेनरेटर आ रहे हैं।
कोरोना से लड़ाई में विदेशी मदद की भरमार को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक उच्चस्तरीय अंतरमंत्रालयी समूह का गठन किया है, जो इस संबंध में प्रस्तावों को तेजी से मदद देगा। यह समूह विदेश से आई वस्तुओं को तेजी से देश के भीतर गंतव्य तक पहुंचाने में भी राज्यों व स्थानीय प्रशासनों की मदद करेगा। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि शुरुआती आकलन के मुताबिक कोरोना के खात्मे की लड़ाई लंबी चलने का अनुमान है। विदेशी मदद हासिल करने के साथ ही भारत कोरोना व दूसरी महामारियों के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय गठबंधन को मजबूत बनाने की दिशा में भी काम कर रहा है।
अमेरिका की अगुआई में फार्मा सेक्टर में वैश्विक सप्लाई चेन स्थापित करने को लेकर बातचीत जारी है, तो दूसरी तरफ मंगलवार को भारत, आस्ट्रेलिया और जापान के उद्योग व वाणिज्य मंत्रियों के बीच हुई वर्चुअल बैठक में कोविड के खात्मे से जुड़ी सप्लाई चेन को मजबूत बनाने को लेकर अलग से बैठक हुई है। भारत के उद्योग व वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, आस्ट्रेलिया के कारोबार मंत्री डैन टेहन और जापान के उद्योग मंत्री काजीयामा हीरोशी के बीच हुई बैठक में फैसला किया गया है कि कोविड की वजह से सप्लाई चेन में जो बाधा आई है, उसे देखते हुए तीनों देश एक वैकल्पिक व्यवस्था को बढ़ावा देंगे। तीनों देश लंबे लक्ष्यों को लेकर आगे बढ़ेंगे।
इसमें से आस्ट्रेलिया ने 500वेंटिलेटर, 10लाख सर्जिकल मास्क, पांच लाख एन 95मास्क, एक लाख चश्मे, ग्लव्स व फेस मास्क भेजने का एलान किया है। आस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मारीसन ने भारत में कोरोना की दूसरी लहर को मानवता के लिए त्रासदी बताते हुए कहा है कि हम भारत के साथ हमेशा खड़े रहेंगे। जर्मनी की तरफ से 120वेंटिलेटर, 23आक्सीजन जनरेटर व तेजी से परीक्षण करने की तकनीक में प्रशिक्षण देने का एलान किया गया है।
यूरोपीय संघ की तरफ से 700आक्सीजन कंसंट्रेटर, आक्सीजन वेंटिलेटर, 365वेंटिलेटर और बेल्जियम की तरफ से 9000रेमडेसिविर की डोज भेजने का एलान किया गया है। रोमानिया ने 80आक्सीजन कंसंट्रेटर व 75आक्सीजन सिलेंडर, लग्जमबर्ग ने 58वेंटिलेटर, पुर्तगाल ने 503रेमडेसिविर डोज, स्वीडन ने 120वेंटिलेटर भेजने का एलान किया है।
उल्लेखनीय है कि भारत ने भी पिछले एक साल में 150 देशों को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में तमाम दवाइयों से लेकर वैक्सीन और पीपीई किट्स आदि देकर मदद की है। भारत को मदद करने वाले अधिकांश देश ऐसे हैं, जिन्हें पिछले एक वर्ष में भारत की तरफ से भी मदद गई है।